पर्यावरण, योग, वनों की दुर्दशा और स्थानीय विकास पर जताई चिंता

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प्रो. शर्मा को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र व शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने पर प्रो. पांडे को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल हिमालयन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में योग का महत्व, शांति एवं विकास के लिए पर्यावरण शिक्षा पर आधारित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने पर्यावरण, योग, वनों की दुर्दशा और स्थानीय विकास पर चिंता जताई। काबीना मंत्री डॉ. रावत ने राजकीय महाविद्यालय बजरा महादेव पौड़ी से आए असिस्टेंट प्रो. आदित्य शर्मा को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के लिए एवं शिक्षा जगत में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए बरेली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. एनएन पांडे को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।
संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, प्रो. सीएम भंडारी (रिटायर्ड कर अधिकारी), विशिष्ट अतिथि प्रो. एनएन पांडेय ( पूर्व विभागाध्यक्ष, शिक्षाशास्त्र, बरेली विश्वविद्यालय), प्रो. एनपी माहेश्वरी (पूर्व निदेशक, उच्च शिक्षा, उत्तराखंड), मैती आंदोलन के प्रणेता, पद्म श्री कल्याण सिंह रावत, महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. जानकी पंवार, संयोजक डॉ. एके जायसवाल, सह संयोजक डॉ. आरएस चौहान ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती के चित्र के समीप दीप प्रज्जवलित कर किया। संगोष्ठी के आयोजक सचिव-संयोजक डॉ. अमित कुमार जायसवाल ने बताया कि दो दिन में 150 से अधिक शोधपत्र आये थे और 100 से अधिक लोगों ने अपना प्रस्तुतिकरण किया। संगोष्ठी के निष्कर्ष बिंदुओं को देश के शीर्ष नीति निर्माताओं व प्रमुख संस्थाओं को भेजा जाएगा। विशिष्ट अतिथि प्रो. एनपी माहेश्वरी ने वैश्विक शांति के लिए गरीबी के खात्मे, रोजगार, स्वच्छ पानी, स्वस्थ जीवन, पौष्टिक भोजन आदि चीजों को आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि शांति एवं सतत विकास एक दूसरे के पूरक हैं। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. सीएम भंडारी ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम योग के माध्यम से शांति प्राप्त कर सकते है। वर्तमान समय में योग दुनिया में भारत की छवि को बदल रहा है। प्रो. सीमा चौधरी, डॉ. महंत मौर्या ने कहा कि भारत की मूल भावना सर्वधर्म समभाव की भावना है, इसी भावन का विकास करके संपूर्ण संसार शांति के पथ पर अग्रसर हो सकता है। इस मौके पर डॉ. आरएस चौहान, डॉ. सुशील चंद्र बहुगुणा, डॉ. सुषमा भट्ट थलेड़ी, डॉ. हितेन्द्र कुमार विश्नोई सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, छात्र व प्रतिभागी मौजूद रहे।

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