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जानिए: उत्तराखण्ड के किस-किस सांसद की निधि नहीं हुई खर्च, कोरोना पॉजीटिव हरीश रावत के सम्पर्क में आए कोटद्वार की महापौर और पूर्व मंत्री की कैसी है कोरोना रिपोर्ट, पढ़िये: भाजपा विधायक पर भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने का लगाया किसने लगाया आरोप, कोटद्वार में चेन स्नैचरों के साथ अब चोर भी सक्रिय, घर का ताला तोड़ जेवरात उड़ाये, दलित युवती से दुष्कर्म मामले की जांच अब कौन करेगा पूर्व प्रधान जी पर साढ़े चार लाख की वित्तीय अनियमितता, नोटिस जारी

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उत्तराखंड में 32़.20 करोेड़ की सांसद निधि को एक साल से खर्च होने का इंतजार, जानिए किस-किस सांसद की निधि नहीं हुई खर्च
जयन्त प्रतिनिधि
कोटद्वार।
उत्तराखंड के सांसदों की 2021 के प्र्रारंभ में 32.20 करोड़ की सांसद निधि खर्च होने को शेष है। इसमें 17.68 करोड़ की सांसद निधि लोकसभा सांसदों तथा 14.52 करोड़ की सांसद निधि राज्य सभा सांसदों की शामिल है। यह स्थिति तब है, जब वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 की सांसद निधि भारत सरकार द्वारा स्थगित किये जाने के कारण किसी सांसद को मिली ही नहीं है। वर्तमान मुख्यमंत्री व पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की वर्ष 2019-20 की सांसद निधि में से दिसम्बर 2020 तक केवल 8 प्रतिशत धनराशि खर्च हुई है जबकि हरिद्वार सांसद व केन्द्र्रीय मानव संंसाधन मंत्री रमेश पोखरियल निशंक की कोेई भी धनराशि खर्च नहींं हो सकी है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी, जिसके उत्तर में लोेक सूचना अधिकारी/अपायुक्त (प्रशासन) हरगोविन्द भट्ट द्वारा अपने पत्रांक सं0 3108 के साथ सांसद निधि खर्च के दिसम्बर 2020 तक विवरण उपलब्ध कराये गये हैं, जिसमें दिसम्बर 2020 के अंत तक की उत्तराखंड के लोेकसभा व राज्यसभा सांसदों के सांसद निधि खर्च का विवरण दिया गया है। श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के वर्तमान लोकसभा सांसदों को 2019-20 की ही सांसद निधि मिली है।
अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को ब्याज सहित 250.23 लाख की सांसद निधि स्वीकृति हेतु उपलब्ध हुई है जिसमें से दिसम्बर 2020 तक 89 प्रतिशत 223.75 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है। हरिद्वार सांसद व केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री डाह0 रमेश पोखरियाल को 2019-20 में 250 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है, जिसमें से कोई भी धनराशि खर्च नहीं हुई है। इतना ही नहींं इनके पिछले कार्यकाल की 10 प्रतिशत 71.25 लाख की धनराशि भी खर्च होने को शेष है।
पौड़ी सांसद व वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 2019-20 की 250 लाख की सांसद निधि मिली है। जिसमें से केवल 8 प्रतिशत 20.25 लाख की धनराशि ही दिसम्बर 2020 तक खर्च हो सकी है। टिहरी सांसद श्रीमति राजलक्ष्मी शाह को 2019-20 में 250 लाख की सांंसद निधि उपलब्ध हुई है, जिसमें से 77 प्रतिशत 192़46 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है नैनीताल सांसद अजय भट्ट को ब्याज सहित 251.21 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है, जिसमें से 61 प्रतिशत 152.61 लाख की सांसद निधि दिसम्बर 2020 तक खर्च हो सकी है।
उत्तराखंड के राज्य सभा सांसदों में प्रदीप टम्टा को 2016-17 से 2019-20 तक ब्याज सहित 1513़11 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है, जिसमें से 86 प्रतिशत 1302.30 लाख की सांसद निधि दिसम्बर 2020 तक खर्च हो चुकी है।
पूर्व सांसद राजबब्बर को 2015-16 से 2019-20 तक ब्याज सहित 2286.61 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है जिसमें से 91 प्रतिशत 2084.52 लाख की सांसद निधि खर्च हो चुकी है।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को 2018-19 की ब्याज सहित 504.22 लाख की सांसद निधि स्वीकृति हेतु उपलब्ध हुई है। जिसमें से 20 प्रतिशत 102़.22 लाख की धनराशि ही दिसम्बर 2020 तक खर्च हो सकी है।

हरीश रावत के सम्पर्क में आए कोटद्वार की महापौर और पूर्व मंत्री की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
नगर निगम की महापौर श्रीमती हेमलता नेगी और पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। महापौर और पूर्व मंत्री पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के संपर्क में आये थे।
पिछले दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत कोटद्वार, दुगड्डा और जयहरीखाल में आयोजित कार्यक्रमों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले थे। कोटद्वार में पूर्व सीएम से पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, महापौर हेमलता नेगी, पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत सहित पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मिले थे। पूर्व मुख्यमंत्री की गत गुरूवार को कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोटद्वार में कार्यकर्ता घबरा गये थे। राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार के कोविड नोडल प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि गत बुधवार को महापौर श्रीमती हेमलता नेगी व पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी का कोरोना जांच के लिए एंटीजन सैंपल लिया गया। पूर्व मंत्री और महापौर की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। गुरूवार को बेस अस्पताल में कोरोना जांच के लिए 36 लोगों के सैंपल लिए गये। जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत के संपर्क में आये करीब 20 कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल रहे।

कांग्रेस महासचिव ने भाजपा विधायक पर भ्रष्टाचार के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने का लगाया आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव कविंद्र इष्टवाल ने लैंसडौन विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विधायक को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि विधायक और उनकी पार्टी जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन सड़क में भष्टाचार की खिलाफत करने वाले लोगों को जेल में डालने की बातें कर रहे है। उन्होंने कहा कि लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की बुरी हालत है। गुणवत्ता बेहद ही घटिया है। गुणवत्ता के विरोध में लोग आवाज उठा रहे है तो उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कविन्द्र इष्टवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आते ही अब सड़कों पर लीपापोती की जा रही है। इस तरह के कार्यों को जनता अच्छे से देख रही है और ऐसे जनप्रतिनिधियों को सबक भी सिखाएगी।

लैंसडौन विधानसभा की सड़क का मामला अब राजनीति रूप लेता जा रहा है। मामले को लेकर सोशल मीडिया में सड़क पर घटिया गुणवत्ता का काम होने का वीडियो वायरल होने के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत ने एई और जेई को सस्पेंड कर दिया था। उसके बाद लैंसडौंन विधायक दलीप सिंह रावत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से जेई और एई को सस्पेंड करने के मामले मेंं बात की है। मेरा मामना है कि जेई और एई की कोई गलती नहीं है, जिन परिस्थितियोें में वह काम कर रहे है उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। क्योंकि वो एक घने जंगल के बीच में है, यह कॉर्बेट नेशनल पार्क के बीच में है। वहां आग जलाना भी बहुत कठिन काम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से बात की गई है कि एक सप्ताह के अंदर मामले की जांच की जाय और अगर उसमें अधिकारी दोष नहीं मिलते है तो उनको दोबार सेवा पर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलत जानकारी देता है और अधिकारियों व कर्मचारियों को मानसिक रूप से उत्पीड़न करता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एई और जेई सही है तो जिसने यह वीडियो वायरल की है उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। 

कोटद्वार में अब चोर भी सक्रिय, घर का ताला तोड़ जेवरात उड़ाये
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
कोतवाली क्षेत्रांतर्गत चेन स्नेचिंग के बाद अब चोरों ने भी दस्तक दे दी है। अभिनंदन कॉलोनी बलभद्रपुर में मंगलवार की रात एक बंद घर को ने खंगाल डाला। अज्ञात चोरों ने ताला तोड़कर पूरे घर को खंगाला है। घर से कान के टॉपस और एक छोटा हार चोरी होने की बात सामने आ रही है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि अभिनंदन कॉलोनी बलभद्रपुर निवासी कुसुम कौल पत्नी स्व. अनिल वर्तमान में ऋषिकेश में रहती है। गत 23 मार्च को वह ऋषिकेश से कोटद्वार आई और अपने घर में बैग रखकर अपनी बहन के यहां चली गई। 24 मार्च को सुबह जब वह अपने घर आई तो घर का ताला टूटा हुआ था। घटना की सूचना कुसुम कौल ने कोतवाली पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। कुसुम कौल ने पुलिस को बताया कि अज्ञात चोर उसके सोने के टॉपस और एक छोटा सा गले का हार ले गये है। कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि पीड़िता की ओर से अभी तहरीर दर्ज नहीं कराई गई है। हालांकि चोरी की घटना को देखते हुए जांच की जा रही है। जल्द ही चोरों को पकड़ लिया जाएगा। 

चेन स्नेचिंग के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
काशीरामपुर तल्ला में चे स्नेचिंग पर पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि बदमाशों को जल्द ही गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
बता दें कि विगत 21 मार्च को काशीरामपुर तल्ला निवासी करीब 62 वर्षीय सुशीला देवी पत्नी मंगत सिंह सत्संग से वापस अपने घर जा रही थी। इसी दौरान दोपहर करीब तीन बजे घर के पास बाइक सवार ने उनके गले से सोने की चेन छीनकर भाग गये थे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने बाइक सवार बदमाशों की आसपास तलाश करने के बाद चेकिंग अभियान चलाया था, लेकिन बाइक सवार बदमाशों के बारे में कहीं कुछ पता नहीं चल पाया था। घटना के चार दिन बाद भी पुलिस बदमाशों को नहीं पकड़ पाई है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर पर बदमाशों के खिलाफ चेन स्नेचिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। बदमाशों की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

दलित युवती से दुष्कर्म मामले की जांच करेगी रैगुलर पुलिस
-एसएसपी ने सीओ सदर पौड़ी को सौंपी जांच
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी
। तहसील पौड़ी के राजस्व क्षेत्र में दलित युवती से दुष्कर्म मामले की जांच अब रैगुलर पुलिस करेगी। एसएसपी ने सीओ सदर पौड़ी पीएल टम्टा को विवेचना अधिकारी नियुक्त किया है। एसएसपी पी रेणुका देवी ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार किर लिया जाएगा। एक आरोपित सेना का जवान बताया जा रहा है।
पौड़ी तहसील के एक गांव में दो युवकों द्वारा एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म किया गया था। वहीं जब पीड़िता ने घटना की शिकायत राजस्व पुलिस से की तो आरोपितों के परिजनों ने पीड़िता को घर बुलाकर जमकर पीट दिया था। राजस्व पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट व दुष्कर्म के आरोप में नामजद मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन घटना के चार दिन बाद भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। राजस्व पुलिस घटना के दिन से ही आरोपितों के फरार होने की बात कह रही थी। जबकि पीड़िता का कहना था कि आरोपित गांव में ही घूम रहे हैं। पीड़िता ने राजस्व पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। बाद में यह मामला रैगुलर पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था। एसएसपी पी रेणुका देवी ने बताया कि उक्त प्रकरण रैगुलर पुलिस को मिल चुका है। प्रकरण की जांच सीओ सदर पीएल टम्टा को सौंपी गई है। जल्द आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पूरे प्रकरण में राजस्व पुलिस ने बरती लापरवाही
इस पूरे प्रकरण में राजस्व पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। राजस्व पुलिस आरोपितों के गांव में होने के बावजूद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई। इतना ही नहीं आरोपितों के परिजनों ने पीड़िता को घर में बुलाकर पीटा। इसके बावजूद भी राजस्व पुलिस मूक दर्शक बनी रही। स्वयं पीड़िता ने राजस्व पुलिस पर मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है।

विकास कार्यों में मिली साढ़े चार लाख की वित्तीय अनियमितता, पूर्व प्रधान के खिलाफ नोटिस
-ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत भी उजागर
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी।
विकासखंड बीरोंखाल की ग्राम पंचायत घनस्याली में पूर्व प्रधान के कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता सामने आई है। जांच में साढे़ चार लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितता पाए जाने के साथ ही संबंधित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत उजागर हुई है। इस संबंध में जिलाधिकारी की ओर से पूर्व प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 15 दिनों के भीतर अपेक्षित जवाब न मिलने पर वूसली की जाएगी।
विकासखंड बीरोंखाल के ग्राम पंचायत घनस्याली में 2014 से 2019 के बीच तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्यों में भारी वित्तीय अनियमितता की गई है। इस संबंध में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। ग्रामीणों की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई। जिसमें डीपीआरओ पौड़ी व अधिशासी अभियंता लोनिवि बैजरों को शामिल किया गया था। जांच कमेटी की रिपोर्ट में वित्तीय अनियमिता उजागर हुई है। रिपोर्ट में पेयजल टैंक निर्माण श्रमिक अधिक दिखाए गए थे। पेयजल मरम्मत कार्य ताछीखाल, भटवाड़ो, लोहारखाल मेलधार व अनुबस्ती, पुश्ता एवं स्रोत मरम्मत कार्य, सीसी निर्माण, पंचायत भवन मरम्मत, शौचालय निर्माण कार्य शामिल हैं। इन सभी कार्यों में 4 लाख 50 हजार 331 की धनराशि की वित्तीय अनियमितता स्पष्ट हुई है। जांच में तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी की मिली भगत भी उजागर हुई है। डीपीआरओ एमएम खान ने बताया कि पूर्व प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। निर्धारित समयावधि में जवाब न मिलने पर वसूली की कार्यवाही की जाएगी।

अनाधिकृत रूप से मिले 10 जॉब कार्ड
मनरेगा कार्य की जांच के दौरान टीम ने ग्राम प्रधान के पास अनाधिकृत रूप से 10 मनरेगा जॉब कार्ड पाए हैं। मामले में टीम ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को भी दोषी ठहराया है। वहीं एक मनरेगा जॉब कार्ड में 12 हजार से अधिक धनराशि डालने के बाद फर्जी तरीके से निकालने की पुष्टि भी जांच में हुई है।

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