ग्राम प्रधानों ने की एनएमएमएस को जल्द समाप्त करने मांग
नई टिहरी। मनरेगा योजना में नेशनल मोबाइल मानीटिरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) को लागू किए जाने का ग्राम प्रधान संगठन ने विरोध किया है। भिलंगना के ब्लक के ग्राम प्रधानों ने रोष जताते हुए एनएमएमएस को जल्द समाप्त करने मांग उठाई है। सोमवार को भिलंगना के ग्राम प्रधानों ने ब्लक मुख्यालय दफ्तर में एनएमएमएस के विरोध में तालाबंदी कर उक्त लागू प्रक्रिया को तल्काल वापस लेने की मांग की है। कहा कि जल्द उनकी मांग पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है, तो ग्राम प्रधान सामूहिक रूप से इस्तीफा देने को बाध्य होंगे। प्रधान संगठन अध्यक्ष दिनेश भजनियाल के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने ब्लक मुख्यालय में नारेबाजी करते हुए दफ्तर के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर धरना दिया। प्रधान संगठन अध्यक्ष ने कहा कि एक जनवरी 2023 से मनरेगा श्रमिकों की हाजरी एनएमएमएस के माध्यम से लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। कहा कि पहाड़ की भौगोलिक परिस्थिति के कारण के कई गांवों में मोबाइल कनेक्टीविटी नहीं होने से श्रमिकों की उपस्थिति नहीं लग पा रही है। साथ ही ग्राम प्रधानों और कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मनरेगा श्रमिकों की हाजरी पूर्व की भांति यथावत रखने की मांग की है। कहा कि जल्द उक्त व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जाता है तो ग्राम प्रधान सामूहिक रुप से इस्तीफा को बाध्य होंगे।
उधर, दूसरी ओर देवप्रयाग ब्लक में केंद्रीय एंव राज्य वित्त में आ रही दिक्कतों का समाधान न होने पर ग्राम प्रधानों ने एक फरवरी को ब्लक मुख्यालय में तालाबंदी की चेतावनी दी है। ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष सोबन सिंह चौहान ने बताया कि पूर्व में दिए गए ज्ञापनों के माध्यम से मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, केंद्रीय एंव राज्य वित्त में आ रही दिक्कतों में शासन प्रशासन से समाधान की मांग की गई थी, लेकिन मांगों पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पाई है। बताया कि विरोध में ग्राम प्रधान संगठन एक फरवरी को ब्लक मुख्यालय दफ्तरों में तालाबन्दी करेंगे। उसके बाद भी मांगें नहीं मानी गई तो ग्राम प्रधान आन्दोलन के लिए बाध्य होगें। प्रदर्शन करने वालों में ग्राम प्रधान यशवंत गुसाईं, किशन सिंह, ममता देवी, मीणा देवी, बुद्घि देवी, प्रदीप पंवार, विजय जोशी, अमर सिंह राणा, प्रमोद प्रसाद, सविता मैठाणी, कंचन देवी, जयवीर सिंह, सनोप सिंह, नरेंद्र सिंह, संजय सिंह आदि मौजूद थे।