उत्तराखंड

पेयजल समस्याग्रस्त गांवों के ग्रामीणों शुरू करेंगे बेमियादी धरना-प्रदर्शन

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अल्मोड़ा। पारा चढ़ने के साथ पेयजल समस्या भी लगातार सिर उठा रही है। तहसील के तमाम क्षेत्रों में पानी का संकट खड़ा होने से लोग परेशान हैं। धूराफाट क्षेत्र में सालों बाद भी पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो सका। पेयजल समस्या से जूझ रहे गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी है। धूराफाट क्षेत्र के ग्राम हिड़ाम, बयेड़ी, थराड़, मुसोली, पुनोली, चापड़ आदि गांवों में कई सालों से पेयजल पेयजल की समस्या बनी है। भतरौज-रीची-थापल ग्राम समूह पेयजल योजना से लाभान्वित करने के उद्देश्य से 2009 में इन गांवों में पेयजल लाइन भी बिछाई गई। लेकिन लाइन में आज तक पानी नहीं चला। पेयजल समस्या को लेकर ग्रामीण कई बार धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। पूर्व में ग्रामीणों ने ब्लक प्रमुख हीरा रावत के नेतृत्व में रामनगर स्थित पेयजल निगम निर्माण इकाई के दफ्तर में भी धरना-प्रदर्शन किया। लेकिन आश्वासन के बाद पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों का कहा है कि पेयजल समस्या को लेकर आवाज उठाने पर जल निगम और जल संस्थान के अधिकारी एक-दूसरे को दोषी ठहराते हुए पल्ला झाड़ लेते हैं। इधर, गर्मी के मौसम में गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। आक्रोशित ग्रामीणों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। जिपं सदस्य सुरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान लछी राम, पूरन चंद्र पांडेय, पुष्कर राम, गिरीश चंद्र के नेतृत्व में आगामी चा मई को ग्रामीणों का शिष्टमंडल जल संस्थान कार्यालय नैनीताल जाकर अधिकारियों से वार्ता करेगा। समस्या का हल नहीं निकलने पर समस्याग्रस्त गांवों के ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे।

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