उत्तराखंड

भूस्खलन से पगनों गांव के ग्रामीण दहशत में

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चमोली। पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से पगनों गांव के लोग दहशत और मुश्किल में हैं। गांव के नौ परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं, जबकि 35 अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी है। एसडीएम कुमकुम जोशी ने गांव में जाकर आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। ग्रामीणों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को पूरी मदद दी जाएगी। पगनों गांव के प्रदीप सिंह ने बताया कि गांव के ठीक पीटे स्थित पहाड़ी के शीर्ष भाग में एक प्रातिक झील थी। दो साल पहले झील के पानी का रिसाव होने लगा। भारी बारिश से गांव में मलबा भी आने लगा। इस बार तो पहाड़ी से भयंकर भूस्खलन शुरू हो गया। जिससे मुरलीधर, पुष्पा देवी, जय प्रसाद, कैलाश सुंदरियाल, प्रदीप सिंह, दिलवर सिंह, दुर्गा देवी, कुंदन सिंह और भोपाल लाल ने अपने घर छोड़ दिए हैं। उनके घर पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। कैलाश सुंदरियाल और दुर्गा देवी के परिवार ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है, जबकि अन्य परिवार गांव के ही समीप गोशाला और खेतों में टेंट लगाकर रह रहे हैं। गांव का शिव मंदिर भी भूस्खलन से जमींदोज हो गया है। शनिवार को एसडीएम कुमकुम जोशी ने गांव में जाकर भूस्खलन की स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम के निर्देश पर खतरे की जद में आए 35 अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। एसडीएम ने प्रभावित परिवारों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को भी सुना। एसडीएम ने बताया कि गांव के नौ परिवार शिफ्ट किए जा चुके हैं। 35 अन्य परिवारों को भी सुरक्षित जगह पर रखने की कार्रवाई चल रही है। जल्दी इनको भी शिफ्ट कर दिया जाएगा।

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