विश्वविद्यालयों को परीक्षाएं कराने की मिली अनुमति, गृह मंत्रालय ने दी हरी झंडी
नई दिल्ली,एजेंसी। उच्च शिक्षण संस्थान और विश्वविद्यालय अब अपने छात्रों की फाइनल वर्ष की परीक्षा को बिना बाधा करा सकेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। कोरोना की वजह से अभी तक उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं थी। लेकिन गृह मंत्रालय ने उच्च शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर इसकी मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम शिक्षण सत्र के अंत में अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश देते हैं, ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी को लेकर जो नियम जारी किए हैं उनका पालन करते हुए परीक्षा आयोजित की जा सकती है। गृह मंत्रालय की इस अनुमति के बाद सभी विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टिट्यूट अफ टेक्नोलजी, इंडियन इंस्टिट्यूट अफ साइंस, इंडियन इंस्टिट्यूट अफ मैनेजमेंट और अन्य सभी उच्च शिक्षा संस्थान अपने फाइनल इयर के छात्रों की परीक्षा करा सकेंगे। कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अभी तक परीक्षाएं नहीं हो पायी हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आज (6 जुलाई) विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, कलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश-2020 जारी कर दिए गए हैं, जिसके तहत यूनिवसिर्टी और कलेजों को फाइनल ईयर के एग्घ्जाम आयोजित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
आयोग ने माना है कि रिजल्घ्ट जारी करने के लिए अनलाइन अथवा अफलाइन, किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित करना अनिवार्य होगा। हालांकि, यूनिवर्सिटीध्कलेज अनलाइन माध्यम से परीक्षाएं आयोजित कर सकेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने हायर एजुकेशन सेकेट्री को पत्र लिखकर कलेज, यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा है। पत्र में कहा गया है कि कलेजों के रिजल्घ्ट तैयार करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना जरूरी है।यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, परीक्षाएं सितंबर अंत तक आयोजित की जा सकती हैं। संस्थानों को अनलाइन माध्यम से भी परीक्षाएं आयोजित करने की स्वतंत्रता होगी।कोरोना वायरस महामारी को काबू करने के लिए देश में 25 मार्च से लकडाउन लागू किया गया था। देश के विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाएं मार्च से टाली जा रही थीं।