गढ़वाल सीट पर गिरा मत प्रतिशत, हवा हो गए दावें
अधिकारियों ने मत प्रतिशत बढ़वाने के किए थे दावे
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : गढ़वाल सीट पर गिरे मत प्रतिशत ने नेता व अधिकारियों के दावों की पोल खोलकर रख दी है। अधिकारी पिछले कई माह से लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के दावे कर रहे थे। लेकिन, स्थिति ठीक उल्टी रही। ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लोकतंत्र में गिरे मत प्रतिशत ने चिंताएं भी बढ़ा दी हैं।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कुल मतदान 55.17 प्रतिशत था। इस बार यह घटकर 48.81 प्रतिशत रह गया है। मत प्रतिशत ने राजनीतिक दलों को भी चौंका दिया है। मताधिकार के प्रयोग में तराई यानी मैदानी क्षेत्रों ने पर्वतीय क्षेत्रों को काफी पीछे छोड़ दिया। रामनगर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 60.82 प्रतिशत मतदान हुआ। कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र 58.80 प्रतिशत मतदान के साथ दूसरे स्थान पर रहा। देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 37.60 प्रतिशत मतदाताओं ने ही मतदान में रुचि दिखाई। लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में भी 39.10 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का उपयोग किया। पर्वतीय क्षेत्रों में सर्वाधिक मतदान केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में 55.18 प्रतिशत हुआ। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 14 विधानसभा सीट में बद्रीनाथ को छोड़कर सभी पर भाजपा का कब्जा है। बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में सम्मिलित हो चुके हैं। अब यह विधानसभा सीट रिक्त है। फिलहाल लोकसभा में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, चार जून को चुनाव परिणाम घोषित होने पर ही इसका पता चल सकेगा।