उत्तराखंड

कंडारा में कथा के दौरान निकली जल कलश यात्रा

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रुद्रप्रयाग। कंडारा गांव में चल रही श्रीमद भागवत कथा के छटवें दिन जल कलश यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया। इस मौक पर माहौल भक्तिमय हो गया। विद्घान आचार्य गोपाल जी द्वारा पूजा अर्चना के बाद जल कलश यात्रा निकाली गई जो विभिन्न मार्ग से होते हुए कथा मंडप तक पहुंची। यहां ज्योतिष्पीठ बदरीकाश्रम व्यासपीठालंत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कथा वाचन करते हुए कहा कि वैराग्य के बिना भक्ति बोझिल है। भक्ति विहीन जीवन नि:स्वाद है, जैसे कई प्रकार के व्यंजन बनाने पर नमक नही पड़ा उसी तरह सुख प्राप्ति पर भक्ति नही है तो ऐसे जीवन की नि:स्वादता है। ज्ञान की बातें कहने की नहीं हैं ज्ञान का अनुभव करना है। ज्ञानी पुरुष में किसी भी समय ज्ञान का अभिमान नही रहता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को प्रभु अराधना करनी चाहिए। जीवन को ऐसे व्यर्थ न जाने दें। इस मौके पर महीधर प्रसाद गैरोला, रजनी गैरोला, चारधाम हक-हकूकधारी के महासचिव हरीश डिमरी, भाजपा की पूर्व जिलाध्यक्ष शकुन्तला जगवाण, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेश्वरी देवी, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, कविता डिमरी, राजेन्द्र पंत, दीपा पंत, बीना थपलियाल, सुमित्रा थपलियाल, कुशुम डिमरी, हरीश चन्द्र डिमरी, कमलेश प्रसाद गैरोला, विनोद गैरोला, पुरुषोतम, प्रमोद गैरोला, संदीप डिमरी, रमेश चन्द्र गैरोला, हर्षमणी गैरोला, मनोज गैरोला, देवी प्रसाद गैरोला, राकेश गैरोला, दीर्घायु प्रसाद प्रदाली, आचार्य दिवाकर भट्ट, आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य हिमांशु मैठाणी, आचार्य अंकित आदि मौजूद थे।

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