कोटद्वार-पौड़ी

यह कैसा ऊर्जा प्रदेश, जहां दिन-रात झेलनी पड़ रही बिजली कटौती की मार

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-घंटों की बिजली कटौती के कारण व्यापारियों समेत आमजन को झेलनी पड़ रही परेशानी
-लोगों में ऊर्जा निगम के साथ ही सरकार के खिलाफ बढ़ता जा रहा आक्रोश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है, लेकिन इसके बावजूद यहां दिन-रात बिजली कटौती की जा रही है। जिससे प्रदेश पर चिराग तले अंधेरा वाली कहावत बिल्कुल सटीक बैठ रही है। लगातार हो रही घंटों की बिजली कटौती के कारण आमजन का तो बुरा हाल है ही साथ ही व्यापारियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और अब वह ऊर्जा निगम के साथ ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे हैं।
कोटद्वार की बात करें तो यहां बिजली कटौती का आलम यह है कि दिन हो या रात कभी भी बिजली काट दी जाती है। ऊर्जा निगम इस कदर अपनी मनमानी चला रहा है कि उपभोक्ताओं को बिजली कटौती से पूर्व सूचना तक नहीं दी जाती है। हर दिन सुबह से लेकर देर रात तक कभी भी बिजली काट दी जाती है, जिससे लोगों की दिनचर्या पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। वर्तमान में घरों में अधिकांश काम बिजली उपकरणों से ही किए जाते हैं, ऐसे में लाइट न होने के कारण घरों में काम भी ठप पड़े रहते हैं। इसके अलावा छोटे व्यापारियों पर बिजली कटौती की मार सबसे ज्यादा पड़ रही है। दरअसल, छोटे व्यापारी इतने सक्षम नहीं होते कि बिजली जाने पर वह वैकल्पिक व्यवस्था बना सकें। ऐसे में गर्मियों में आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि का व्यापार करने वाले छोटे व्यापारी खासा परेशान हैं।

भीषण गर्मी में बिजली कटौती छुड़ा रही पसीने, लोग सोशल मीडिया पर जता रहे आक्रोश
एक तरफ पारा लगातार चढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अघोषित बिजली कटौती ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। भीषण गर्मी से जूझ रहे कोटद्वारवासियों को बिजली कटौती की दोहरी मार खासा परेशान कर रही है। दिन व रात दोनों समय बिजली कटौती के कारण घरों में लगे पंखे, कूलर, एसी आदि शोपीस बनकर रह गए हैं। वहीं, लोग अपने आक्रोश को सोशल मीडिया के माध्यम से जाहिर कर रहे हैं। वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर इन दिनों सरकार और ऊर्जा निगम के प्रति लोगों का गुस्सा जमकर फूट रहा है।

बच्चों की पढ़ाई भी हो रही है प्रभावित
चिलचिलाती गर्मी के बीच पढ़ाई करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जैसे-तैसे बच्चे पंखे व कूलर के पास बैठकर पढ़ाई करते हैं तो तभी लाइट भी चली जाती है। इसके अलावा रात के समय घंटों की बिजली कटौती के कारण न तो बच्चे पढ़ पाते हैं और न ही गृहणियां घरों में खाना बना पाती हैं।

बिजली की कमी के कारण हो रही कटौती, लेकिन समय हो निर्धारित : ऋतु
विधानसभा अध्यक्ष व कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण का कहना है कि बिजली कटौती सिर्फ कोटद्वार में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में की जा रही है। सरकार बिजली खरीदने को तैयार है, लेकिन मिल नहीं रही है। हालांकि कटौती के लिए समय निर्धारित होना चाहिए। इसे लेकर उच्चाधिकारियों को कहा गया है कि एक हफ्ते सुबह तो एक हफ्ते दिन के समय बिजली कटौती की जाए। जिससे लोगों को कम से कम परेशानी झेलनी पड़े।

लोगों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी
ऊर्जा निगम जो यह घंटों की अघोषित बिजली कटौती कर रहा है, उससे भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सुबह से ही बिजली कटौती शुरू हो जाती है, जो रात भर चलती रहती है। दिन के समय बिजली कटौती से जहां घर के काम रुक जाते हैं, वहीं रात के समय अंधेरे के कारण खाना बनाना मुश्किल हो जाता है। शिकायत भी किससे करें, यहां कोई सुनने वाला भी नहीं है।
अंजली अग्रवाल, गृहणी, बालासौड़
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मैं लॉ का छात्र हूं, मुझे लगातार पढ़ाई करनी होती है। ऊर्जा निगम लगातार बिजली कटौती कर रहा है, जिससे पढ़ाई पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मुझ जैसे कई अन्य छात्र भी हैं, जो इस समस्या से जूझ रहे हैं। कम से कम सरकार और ऊर्जा निगम को छात्रों की परेशानियों को समझना चाहिए। परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में बिजली नहीं रहेगी तो हम पढ़ेंगे कैसे।
अविरल पंत, छात्र, गोविंद नगर
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ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में सरकार मुफ्त बिजली देने के दावे कर रही थी, लेकिन यहां तो पैसों में भी बिजली नहीं मिल रही है। सुबह-शाम घंटों की बिजली कटौती की जा रही है, जिससे आमजन का बुरा हाल है। कई बार इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यदि जल्द ही बिजली कटौती नहीं रोकी गई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रवेश रावत, सचिव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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