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रेल पटरी पर प्रदर्शनकारियों का रहा कब्जा, 60 ट्रेनें हुईं प्रभावितय यात्री हुए बेहाल

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नई दिल्ली, एजेंसी। लखीमपुरी खीरी हिंसा के विरोध में सोमवार को किसान संगठनों के रेल रोको आह्वान से रेल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने उत्तर रेलवे के परिचालन क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में डेढ़ सौ से ज्यादा स्थानों पर ट्रैक पर धरना दिया। उत्तर रेलवे की करीब 60 ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। चंडीगढ़ शताब्दी सहित 25 ट्रेनें रद करनी पड़ी।
देर शाम बयान जारी कर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि श्रेल रोकोश् आंदोलन ठीक रहा। हम अपनी आगे की रणनीति के लिए एक कार्यक्रम बनाएंगे। जब तक अजय मिश्र टेनी को गिरफ्तार नहीं किया जाता और वह इस्तीफा नहीं देते, हम दबाव बनाना जारी रखेंगे। वह आईपीसी की धारा 120 (बी) के तहत आरोपी है, वह खुले में नहीं घूम सकता है। उन्होंने आगे कहा कि वह जांच को प्रभावित करेगा क्योंकि मामला उसके खिलाफ है, इसलिए वह खुद को बचाने की कोशिश करेगा। भारत सरकार को उनका इस्तीफा लेना चाहिए। अगर वह निर्दोष साबित होते हैं तो वे उन्हें फिर से मंत्री बना सकते हैं।
कई ट्रेनें अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सकीं। वंदे भारत सहित कई ट्रेनों के प्रस्थान समय में बदलाव करना पड़ा। शाम चार बजे प्रदर्शनकारियों के ट्रैक से हटने के बाद ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हो सकी। एक बार फिर से किसान संगठनों के प्रदर्शन की की वजह से रेल यात्री परेशान हुए। सोमवार सुबह दस बजे के पहले दिल्ली से रवाना हुई कई ट्रेनों को अलग-अलग स्थानों पर रोकना पड़ा, क्योंकि प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर ट्रैक पर कब्जा जमाकर बैठ गए थे। वहीं, कई ट्रेनें पूरी तरह से तो कई आंशिक रूप से रद रहीं। इस वजह से जरूरी काम से सफर करने वाले यात्री परेशान रहे।
एक यात्री संजीव ओबराय ने बताया कि उन्हें परिवार के साथ चंडीगढ़ जाना था। पिछले माह ही कंफर्म टिकट लिया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों की वजह से उनकी ट्रेन रद हो गई। उनका कहना था कि आंदोलन के नाम पर बार-बार रेल को निशाना बनाना गलत है। इससे आम लोगों को परेशानी होती है। रेल प्रशान को इसे लेकर सख्त कदम उठाना चाहिए। इसी तरह से बठिंडा, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर जाने वाले अन्य यात्री भी परेशान रहे।
प्रदर्शनकारियों ने हरिद्वार के लंढौरा में चार घंटे तक रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमाए रखा। इस दौरान डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। ऊधमसिंहनगर में किसानों ने तीन ट्रेनों को रोका। रुद्रपुर, काशीपुर, खटीमा में ट्रेन रोककर ट्रैक पर किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया। देहरादून के डोईवाला रेलवे स्टेशन पर किसानों ने रेलवे ट्रेक पर अपना कब्जा जमाने का प्रयास किया। पुलिस ने समझाकर किसानों को वहां से हटा दिया।

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