नई गति सीमा के साथ रोड साइन का ढांचा भी बदलेगा, सड़क परिवहन मंत्रालय राज्यों के साथ करेगा नया माडल साझा

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नई दिल्ली,एजेंसी। पांच साल बाद एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे समेत सभी तरह की सड़कों के लिए अधिकतम गति सीमा के नए प्रस्ताव के साथ सड़क परिवहन मंत्रालय पूरे देश में रोड साइन प्रणाली को भी पूरी तरह बदलने जा रहा है।

सड़क सुरक्षा के लिए बड़ी खामी मानी जाने वाली मौजूदा प्रणाली को दृश्यता के लिहाज से भी बेहतर बनाया जाएगा और नियम लागू करने के नजरिये से भी। पिछले सप्ताह एक बैठक में अधिकतम गति सीमा को लेकर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें सामने रखी गई थीं, जिन पर राज्यों की प्रतिक्रिया मांगी गई है।

उनके सुझाव मिलने के बाद गति सीमा को अंतिम रूप से अधिसूचित किया जाएगा, लेकिन इस चर्चा में यह सवाल भी उठा कि वाहन चालकों को गति सीमा को लेकर आगाह करने के लिए क्या किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बैठक में कहा कि कई माडल का अध्ययन करने के बाद रोड साइन सिस्टम का नया प्रारूप तैयार कर लिया गया है। इसे सभी राज्यों के साथ मानक प्रणाली के रूप में साझा किया जाएगा। उन्होंने यह अपेक्षा भी कि राज्य सड़क सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी इस मामले पर पूरी गंभीरता दिखाएं। अभी भारतीय रोड कांग्रेस (आइआरसी) के मानकों के अनुसार रोड साइन इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन राज्यों में इनको लेकर एकरूपता नजर नहीं आती।

बैठक में यह राय रखी गई कि आइआरसी के दिशा-निर्देश कारगर नहीं हैं। ओवरस्पीडिंग को लेकर जितने भी चालान होते हैं, उनमें 75 प्रतिशत से अधिक इसीलिए नहीं भरे जा रहे हैं, क्योंकि वाहन चालकों को गति सीमा बताने वाले बोर्ड ही नहीं हैं। अगर हैं भी तो उन्हें इस तरह लगाया गया है कि बिना ध्यान भंग किए उन्हें देखा नहीं जा सकता।

ये बोर्ड आकार से लेकर ऊंचाई तक इस तरह लगाए जाने चाहिए कि वाहन चालकों को सहजता से नजर आएं। इसके साथ ही गति सीमा की बार-बार सूचना देना भी जरूरी है, क्योंकि कोई भी वाहन चालक एक स्थान पर बोर्ड को अनदेखा कर सकता है।

सूत्रों के अनुसार बैठक में गडकरी ने इस सुझाव को भी स्वीकार किया कि गति सीमा के निर्धारण और उसकी सूचना देने के लिए जीपीएस प्रणाली का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने मंत्रालय की तकनीकी समिति से इस पर गौर करने के लिए कहा है।

वह यह भी देखेगी कि गूगल मैप जैसे नैविगेशन एपों को किस तरह गति सीमा से भी जोड़ा जा सकता है। यह सुझाव बैठक में सुझाव चंडीगढ़ के अधिकारी ने दिया था। समिति ने व्यावसायिक परिवहन वाहनों के लिए एक्सप्रेस वे और हाईवे में अधिकतम गति सीमा में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। पहले यह एक समान 80 किमी प्रतिघंटा थी, अब क्रमश: 90 और 100 किमी प्रति घंटा होगी।

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