उत्तराखंड

यूसीसी से महिलाओं को मिलेगा सम्मान से जीने का हक

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अल्मोड़ा। राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने को एतिहासिक फैसला बताया है। कहना है कि यूसीसी लागू होने से महिलाओं को सम्मान से जीने का हक मिलेगा। उत्तराखंड सरकार का यह फैसला पूरे देश के लिए नजीर बनेगा। ज्योति साह मिश्रा का कहना है कि आजादी के बाद से ही समान नागरिक संहिता की मांग की जा रही थी। इसके बाद भी किसी ने भी यूसीसी लागू करने की हिम्मत नहीं दिखाई। केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में धामी सरकार आते ही यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है। यूसीसी लागू होने से तलाक के लिए सभी धर्मों के लिए एक कानून, भरण पोषण, संपत्ति बंटवारे में लड़की का समान हक मिलेगा और अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा। सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा। बहुपत्नी प्रथा समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक महिला सशक्तिकरण का होगा। बीजेपी सरकार में यह संभव हो सका है।

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