उत्तराखंड

चम्पावत में मिनिस्ट्रीयल कर्मियों का कार्य बहिष्कार शुरू

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चम्पावत। एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल कर्मियों ने सीईओ पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है। विरोध में कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। कर्मियों ने मांग नहीं माने जाने तक आंदोलन में डटे रहने का ऐलान किया है।
मिनिस्ट्रीयल कर्मियों ने सोमवार से शिक्षा भवन परिसर में अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। उन्होंने सीईओ पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है। फेडरेशन महामंत्री जीवन ओली का कहना है कि सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने समस्याओं के समाधान के लिए संगठन के पदाधिकारियों को बीते 23 जुलाई पूर्वान्ह 11 बजे का समय दिया। लेकिन तय समय पर मिलने पहुंचे पदाधिकारियों से मिलने से सीईओ ने मना कर दिया। अन्य शिक्षा अधिकारियों की मौजूद्गी में कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देने के साथ ही पदाधिकारियों के साथ अभद्रता भी की। महामंत्री ओली ने आरोप लगाया कि इसके अलावा सीईओ चहेतों को पटल बांटने में मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों को लेकर संगठन ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। उन्होंने शीघ्र उत्पीड़न नहीं रोकने, पटल बांटने में न्याय नहीं करने और सौहार्दपूर्ण वातावरण में बैठक नहीं करने तक कार्य बहिष्कार पर रहने की बात कही।
कार्य बहिष्कार में ये कर्मी रहे शामिल
कार्य बहिष्कार में एजूकेशनल मिनिस्ट्रीयल अफिसर्स एसोसएिशन अध्यक्ष मिंटू सिंह राणा, महामंत्री प्रकाश तड़ागी, नगेंद्र जोशी, वीरेंद्र मेहता, नंदन परिहार, जीवन ओली, राजेंद्र भट्ट, विनोद कुमार, भूपेंद्र सिंह देव, महेंद्र जीना, नितिन टंडन, संध्या पांडेय, मालविका पंत, मंजू मेहता, संतोष कुमारी, निर्मला भट्ट, दीपा दानू, सावित्री मनौला, भैरव भट्ट, संजय कुमार, संजीव कुमार, कैलाश महंत, जगदीश तिवारी, सोबन सिंह, गिरीश राय, शुभम जोशी आदि शामिल रहे।
कोटरू मुझ पर लगाए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। मैंने बीते 23 जुलाई को पत्र जारी कर संगठन के पदाधिकारियों को 25 जुलाई की सायं चार बजे शिष्टाचार वार्ता के लिए बुलाया था। इसके बावजूद कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। कर्मचारियों को पटल बांटने के लिए मैं स्वतंत्र हूं।

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