उत्तराखंड

मानव-वन्यजीवों के बीच संघर्ष को कम करने हेतु हुई कार्यशाला

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हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की चीला रेंज में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को कम करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। पूर्व में मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं कई दफा इस कारण वन्यजीवों की मृत्यु हो चुकी है। शुक्रवार को चीला प्रशक्षिण केंद्र में अंतर्विभागीय समन्यवय और जागरूकता प्रशक्षिण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में हरिद्वार के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच समन्यवय स्थापित किया गया। साथ ही जागरूकता के लिए प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला के दौरान अपर प्रमुख वन संरक्षक आरके मिश्रा ने कहा कि बाघ, हाथी एवं अन्य वन्य जीवों की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए बायो कउटस्टिक्स, रेडियो कलर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और सेटेलाइट अपलिंक जैसी सुविधाओं पर आधारित उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। राजाजी के निदेशक ड़साकेत बडोला ने कहा कि पारंपरिक ज्ञान के उपयोग अनुसंधान और अकादमिक संस्थानों की सहभागिता तथा मानव वन्यजीव संघर्ष परिस्थितियों का प्रबंधन करने में विशेषज्ञता रखने वाले प्रमुख स्वैच्छिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। राजा जी की उपनिदेशक कहकशां नसीम ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला के आयोजनों के माध्यम से सभी विभागों से आपसी समनव्य बनाकर मानव और वन्यजीव संघर्षों को काफी हद तक टाला जा सकता है। चीला रेंज के रेंजर शैलेस घिल्ड़ियाल, ड़योगेश शर्मा, जिला आपदा अधिकारी मीरा र्केथुरा, एसडी पंत, प्रशांत, सोमांश गुप्ता, अरुण कंडारी, चंद्रशेखर, चरण सिंह, प्रवीन रावत, सोमपाल सिंह, मोहित आदि अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

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