उत्तराखंड

योगासन को ट्रेनिंग पाठ्यक्रम में सम्मिलित करना चाहिए: आचार्य बालकृष्ण

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हरिद्वार। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योगासन खेल के साथ-साथ योग का सैद्धांतिक पक्ष भी खिलाड़ी समझें। इसलिए इसको ट्रेनिंग पाठ्यक्रम में सम्मिलित करना चाहिए। यह बात उन्होंने वल्र्ड योगासन की बैठक के दौरान कही। कहा कि योगगुरु रामदेव एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूरगामी सोच के साथ योगासन को खेलो इण्डिया गेम्स में सम्मिलित किया गया है। शिक्षा-पाठ्यक्रम के साथ योग को जोड़ते हुए देश-विदेश में बड़े पैमाने पर योगासन खेल को स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को वल्र्ड योगासन की बैठक पतंजलि योगपीठ में आचार्य बालकृष्ण एवं विवेकानंद विश्वविद्यालय बेंगलुरु के कुलाधिपति एवं वल्र्ड योगासना के महासचिव डॉ. एचआर नागेन्द्र की संयुक्त अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। स्वामी चिदानंद मुनि एवं साध्वी भगवती (परमार्थ निकेतन) ने विश्व पटल पर योगासन खेल को स्थापित करने के प्रयास की सराहना की। योगासन को पश्चिम के देशों से जोडऩे के लिए एक योजनाबद्ध रोडमैप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. एच.आर. नागेन्द्र ने कहा कि आगामी छ: महीने में जर्मनी, आस्ट्रेलिया, मॉरिशस, अमेरिका, कोरिया एवं भारत में ऐसे छ: अंतरराष्ट्रीय आयोजन करवाकर योगासन की वल्र्ड चैम्पियनशिप भारत में करवाई जाए। हार्टफुलनेस संस्था की अंतराष्ट्रीय कॉर्डिनेटर एकता ने कहा कि हमारे अंतरराष्ट्रीय संस्थान योगासन खेल के लिए प्राथमिक रूप से कार्यालय के लिए उपलब्ध रहेंगे। वल्र्ड योगासन के कोषाध्यक्ष एडवोकेट विष्णु शर्मा ने लेखा-जोखा की जानकारी दी। आचार्य बालकृष्ण ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत बैंक अकाउंट एफसीआरए के अनुरूप खोलने का निर्देश दिए। वेबसाइट को अपडेट करने का दायित्व वल्र्ड योगासना के सचिव डॉ. जयदीप आर्य को सौंपा गया। इस बैठक में उदित सेठ, डॉ. जयदीप आर्य, डॉ. संजय मालपानी, डॉ. उमंग सहित ऑनलाइन रूप से चिदानंद मुनि जी, भगवती, विष्णु शर्मा एडवोकेट दिल्ली ने योगासन को विश्व पटल पर स्थापित करने हेतु अपने विचार साझा किए।

 

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