जिला विकास प्राधिकरण को निरस्त करने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार नव निर्माण संघर्ष समिति ने जिला विकास प्राधिकरण को निरस्त करने की मांग को लेकर तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। समिति केसदस्यों ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण के लागू होने के बाद सबसे अधिक परेशान मध्यम वर्ग के लोग हैं। कोटद्वार की जनता पिछले काफी समय से प्राधिकरण को निरस्त करने की मांग कर रही है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने जल्द ही जिला विकास प्राधिकरण निरस्त न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
शुक्रवार को समिति के अध्यक्ष डॉ. शक्तिशैल कपरवाण के नेतृत्व में समिति के सदस्यों ने तहसील परिसर में जिला विकास प्राधिकरण को निरस्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डॉ. शक्तिशैल कपरवाण ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण नगर निगम क्षेत्र का कोई विकास नहीं करता है, बल्कि जनता के परिश्रम से अर्जित कमाई को जबरदस्ती वसूली कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला विकास प्राधिकरण द्वारा मनमानेज ढंग से वसूली की जा रही है, जो अनैतिक और गैर कानूनी है। इसलिए प्राधिकरण को निरस्त किया जाना चाहिए। डॉ. कपरवाण ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने नवगठित नगर निगम और नगर पालिकाओं के अधीन रहने वाली जनता को 10 वर्ष तक हाऊस टैक्स से मुक्त रखने का निर्णय लिया है, जबकि इस निर्णय में सम्पत्ति कर लगाने से मुक्त रखा जाना चाहिए था, इसलिए सरकार सम्पत्ति कर से जनता को मुक्त करे एवं अविलम्ब स्थानीय निकायों को आदेश भेजे। उन्होंने कहा कि स्पोर्टस स्टेडियम के समीप कूड़ा घर बनाया गया है। कूडे़ से दुर्गन्ध और जानलेवा गैस निकलती है। जिससे क्षेत्रीय जनता के जीवन को खतरा बना हुआ है। इसलिए टे्रचिंग्र ग्राउण्ड को नगर निगम क्षेत्र से बाहर बनाया जाय। वन विभाग से लीज पर जमीन लेकर इसे बनाया जासकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से जिला विकास प्राधिकरण को निरस्त करने, नगर निगम के चालीस वार्डों में रूके विकास कार्यों को शुरू कराने, चिल्लरखाल-लालढांग मोटर मार्ग का निर्माण शुरू कराने, कण्वाश्रम को राष्ट्रीय पयर्टक स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में सुरेश पटवाल, प्रवेन्द्र सिंह रावत, अनिल नेगी, दीपक कुकरेती, राजाराम अण्थवाल, प्रवेश चन्द्र नवानी, अनुसूया प्रसाद सेमवाल, शशि प्रभा रावत, पुष्कर सिंह रावत, बृजमोहन काला, महेशचन्द्र केष्टवाल, द्वारिका प्रसाद काला, दर्शन सिंह नेगी, सुनील रावत, प्रवेश चन्द्र नवानी, देवेन्द्र सिंह रमोला, शिवेन्द्र सिंह, अशोक कंडारी, पुरूषोत्तम, अर्जुन सिंह रावत आदि शामिल थे।