उत्तराखंड

वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करने पर जिपं सदस्य को हटाया

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रुद्रपुर। शासन ने ऊधमसिंह नगर जिले के गुरुग्राम-शक्तिफार्म के जिला पंचायत सदस्य को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। सदस्य पर वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण के आरोप थे। जांच के दौरान सदस्य अपने पक्ष में ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सके। अब उन्हें सदस्यता से हटाने के साथ ही यह पद रिक्त भी घोषित कर दिया गया है। गुरुग्राम तहसील सितारगंज निवासी निमाई चंद्र मंडल ने दो दिसंबर 2020 को मुख्य विकास अधिकारी को जिला पंचायत सदस्य उत्तम आचार्य द्वारा वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करने का शिकायती पत्र सौंपा था। मामले की जांच के लिए उप जिलाधिकारी किच्छा एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग सितारगंज को संयुक्त रूप से तराई पूर्वी वन प्रभाग के तहत वन विभाग के नाम दर्ज ग्राम नजीमाबाद, तहसील किच्छा के खाता संख्या 115 की भूमि की जांच करने के आदेश दिये गये थे। जांच में पाया गया है यह भूमि वर्ग 5-3 ख वन विभाग में दर्ज है। जांच में पता चला कि आचार्य मजरे में जिला पंचायत सदस्य उत्तम आचार्य पुत्र देवेन्द्र नाथ का पक्का आवासीय मकान वन विभाग की भूमि पर ही बना हुआ है। वन विभाग की अतिक्रमणकारियों की सूची में उत्तम पुत्र देवेन्द्र नाथ का नाम भी अंकित है।
इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से 31 मार्च 2021 को जिला पंचायत सदस्य को कारण बताओ नोटिस भेजा गया, लेकिन एक वर्ष बाद भी कोई प्रामाणिक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। संस्तुति के बाद निदेशक पंचायती राज ने पंचायती राज (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 133 के तहत जिपं सदस्य को हटाने का आदेश पारित किया है। साथ ही कहा कि यह पद रिक्त रहेगा।
वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण करने पर गुरुग्राम के जिला पंचायत सदस्य को पद से हटा दिया या है। निदेशक पंचायतीराज की ओर से इसके आदेश भी जारी हो गये हैं। -रमेश त्रिपाठी, जिला पंचायती राज अधिकारी, ऊधमसिंह नगर

 

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