उत्तराखंड

प्रतापनगर क्षेत्र में बनी सड़कों के डामरीकरण की मांग

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नई टिहरी। केंद्र सरकार की ग्राम सड़क योजना के तहत तीन चरणों में बीते वर्षों में पहाड़ के गांवों को सड़कों से जोड़ने का काम किया गया है। लेकिन सड़कों का डामरीकरण न होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतापनगर ब्लक प्रमुख ने क्षेत्र में बनी नई सड़कों के केंद्र सरकार से डामरीकरण की मांग की है। लोनिवि और पीएसजीएसवाई ने बीते वर्षों में केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत प्रथम चरण में एक हजार आबादी वाले, द्वितीय चरण पांच सौ आबादी वाले तथा तृतीय चरण में 250 आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोड़ने का काम किया है। सड़कों का डामरीकरण न होने के कारण लोगों को उक्त सड़कों पर आवाजाही करने में दिक्कत होने के साथ -साथ दुर्घटना का खतरा बना रहता है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह तोमर ने बताया की सड़कों के डामरीकरण के लिये ग्राम्य विकास मंत्रालय भारत सरकार ने नई योजना चलाई है। योजना के तहत ऐसी ग्रामीण सड़कों के डामरीकरण किये जाने का प्रस्ताव है,जिनका पूर्व में 25 प्रतिशत भाग डामरीकरण हो,तथा शेष 75 प्रतिशत कच्चा हो, इसके लिये पीएमजीएसवाई से प्रस्ताव भी मांगें गये हैं। कहा पहाड़ की भौगोलिक परस्थितियों के कारण कई ऐसी सड़के हैं, जो पूरी कच्ची हैं, और सरकार की उक्त योजना के अंतर्गत नहीं आ पा रही है। बताया इस संबंध में उन्होंने टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह से आग्रह किया है, कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बनी नई सड़कों को भी उक्त योजना में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार के ग्राम्य विकास मंत्रालय को दे, ताकि बीते वर्षों में बनी सड़कों का भी डामरीकरण हो सके। उधर प्रतापनगर ब्लक प्रमुख प्रदीप रमोला ने बताया प्रतापनगर क्षेत्र के थाला-मिश्रवाण गांव की सड़क बीते छह वर्ष पूर्व बन गई थी, लेकिन अभी तक उसका डामरीकरण नहीं हो पाया है। बताया क्षेत्र में मंदार से घोल्डानी, चौधार से ओखला, जोकाणी से भेलुंता सहित कई अन्य गांवों के सड़क मार्ग कच्चे हैं। उन्होंने भारत सरकार ऐसी सड़कों के भी डामरीकरण करने की मांग है,जिन्हें बने कई वर्ष बीते चुके हैं।

 

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