भोजन माताओं की अनदेखी कर रही सरकार
सरकार के खिलाफ दूसरे दिन भी जारी रहा भोजन माताओं का धरना
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शासनादेश के तहत भोजन माताओं के केवल ढाई घंटे काम करवाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रगतीशील भोजनमाता संगठन का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। भोजनमाताओं ने मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। कहा कि प्रदेश में भोजनमाताओं की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंगलवार को भोजनमाताओं ने कोटद्वार तहसील परिसर में सरकार के खिलाफ धरना दिया। संगठन की अध्यक्ष अनीता शर्मा ने बताया कि भोजनमाताएं अपनी मांगों को लेकर कई वर्षों से सरकार से गुहार लगा रही हैं। समय-समय पर रैली निकाल सरकार को नींद से जगाने की भी कोशिश की गई, लेकिन सरकार कुंभकरणीय नींद में सोई हुई है। कहा कि सरकार की ओर से भोजनमाताओं के लिए केवल ढाई घंटे काम करने का शासनादेश जारी किया गया था, लेकिन भोजन माताओं से निर्धारित समय से अधिक कार्य करवाया जा रहा है। कहा कि कई विद्यालय में अब भी परंपरागत तरीके से चूल्हे पर लकड़ियों से खाना बनाया जा रहा है। ऐसे में भोजनमाताओं की आंखों और फेफड़ों के लिए खतरा बना रहता है। संगठन का आरोप है कि पर्वतीय क्षेत्रों में पर्याप्त छात्र होने के बाद भी भोजन माताओं को उनके काम से हटाया जा रहा है। संगठन ने सरकार से भोजनमाताओं को केवल ढाई घंटे काम करवाने, लकड़ी के बजाय विद्यालयों को गैर चूल्हे उपलब्ध करवाने व काम से निकाली गई भोजन माताओं को दोबारा रखने की मांग की है। इस मौके पर अध्यक्ष अनीता शर्मा, कोषाध्यक्ष कमला देवी, सचिव सीता देवी, गुड्डी देवी, उर्मिला देवी, कस्तूरी देवी, लीला देवी, अनीता देवी, मालती देवी, संगीता देवी, सुमित्रा देवी, गीता देवी, मंजू देवी, उपस्थित थे।