उत्तराखंड

दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा

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मामला 2020 में नाबालिग को भगाने का
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : नाबालिग को बहलाफुलाकर भगा ले जाने और उससे दुष्कर्म करने के आरोपी को न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने नाबालिग को प्रतिकर देने के भी आदेश दिए हैं। विशेष सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) आशीष नैथानी की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है। मामला साल 2020 में कोटद्वार थाना क्षेत्र का है।
एडीजीसी (पोक्सो) विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि थाना कोटद्वार में नाबालिग के पिता ने 2 जुलाई 2020 को पुत्री की गुमशुदगी दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने कहा कि नाबालिग बिना बताए घर से कहीं चली गई है। पिता की तहरीर पर पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया। साथ ही नाबालिग की तलाश के लिए एक पुलिस टीम भी बनाई। पुलिस ने मामले की जांच में बताया कि आरोपी नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा कर ले गया। पुलिस को सर्विलांस की मदद से आरोपी की लोकेशन दिल्ली में मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को 18 जुलाई 2020 को ही दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। साथ ही पुलिस ने आरोपी के कब्जे से नाबालिग को बरामद किया। पुलिस ने नाबालिग के बयान दर्ज किए। जिसमें नाबालिग ने बताया कि आरोपी उसे बहला फुसलाकर दिल्ली भगा कर ले गया। साथ ही आरोपी ने नाबालिग के साथ विवाह कर लिया और दिल्ली में किराया का कमरा लेकर उसे पत्नी के तौर पर रखने लगा। इस बीच आरोपी ने उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद आरोपी पर नाबालिग के साथ दुराचार करने सहित अन्य धाराओं में 10 साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही नाबालिग को प्रतिकर दिए जाने के आदेश भी दिए। बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह प्रस्तुत किए गए।

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