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शीतकाल में साढ़े 13 हजार तीर्थयात्री पहुंचे बदरी-केदार

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चमोली। उत्तराखंड चारधाम यात्रा समापन के पश्चात श्री बदरीनाथ और केदारनाथ धाम सहित गंगोत्री-यमुनोत्री के शीतकालीन पूजा स्थलों में श्रद्घालु दर्शनों के लिए आ रहे हैं। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने धामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन यात्रा को गति दिए जाने पर जोर दिया है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के शीतकालीन पूजास्थलों में अभी तक साढ़े तेरह हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए हैं। बदरीनाथ धाम के अंतर्गत शीतकालीन पूजा स्थल योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में बीते 21 नवंबर से 19 दिसंबर तक तीर्थयात्रियों की संख्या 148 रही। वहीं श्री नृसिंह मंदिरध् आद्गिुरु शंकराचार्य जी गद्दी स्थल जोशीमठ में दर्शनघ् हेतु इस दौरान 1340 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ तथा योग बदरी पांडुकेश्वर में कुल 1488 तीर्थयात्री पहुंचे हैं।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बताया ओंकारेश्वर ( ऊखीमठ ) मंदिर को भव्य बनाये जाने की योजना पर कार्य चल रहा है। इसी तरह त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर को भी भव्य रूप दिये जाने की योजना है। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी ने बताया केदारनाथ धाम तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 29 अक्तूबर से 19 दिसंबर तक कुल 12041 तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। जिसमें श्री मद्महेश्वर मेले के 7447 तीर्थयात्री भी शामिल हैं श्री बदरीनाथ तथा केदारनाथ के शीतकालीन पूजा स्थलों में पहुंचे तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 13529 आंकी गयी।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि यमुनोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 26 अक्तूबर को कपाट बंद होने से वर्तमान तक मां यमुना जी के शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली ( खुशीमठ ), शनिदेव मंदिर तथा मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा ( मुखीमठ ) में श्रद्घालु पहुंच रहे हैं।

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