नई दिल्ली, एजेंसी। देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है। केंद्रीय…
Day: January 5, 2021
कृषि सुधारों से पीछे नहीं हटेगी सरकार, बजट दिखाएगा रास्ता
नई दिल्ली, एजेंसी। देश की राजधानी दिल्ली में कई हफ्तों से डेरा डाले किसानों के साथ…
हरीश रावत बोले-सोनिया और मायावती को भारत रत्न मिले, बीएसपी बोली-ऐसी बातों से मूर्ख मत बनाइए
देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने मंगलवार को एक शिगूफा…
भाजपा नेता देबेन्द्र रॉय की मौत को ममता सरकार नहीं मानती राजनीतिक हत्या, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर नई दिल्ली, एजेंसी । पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने राज्य के भाजपा नेता देबेन्द्र रॉय की मौत को राजनीतिक हत्या मानने से इनकार कर दिया है। रॉय की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर जवाबी हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि मामले की सीआईडी जांच कराई गई थी और सक्षम अदालत में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। बता दें, रय का शव पिछले साल जुलाई में उनके घर के पास ही लटका मिला था। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में रॉय की मौत को ‘राजनीतिक हत्या‘ बताते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में दायर हलफनामे में कहा है कि प्रदेश की सीआईडी ने सभी पहलुओं की जांच की और मौत के कारणों का पता लगाया है। इस संबंध में सक्षम अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से मालदा जोन के सीआईडी के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा दाखिल हलफनामे में इस बात से इनकार किया गया कि देबेन्द्र नाथ रय की मौत एक राजनीतिक हत्या थी या इसमें सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया या इसमें उसकी किसी भी तरह की भूमिका थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ के समक्ष मंगलवार को यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्घ था। याचिकाकर्ता शशांक शेखर झा और सैवियो रोड्रिग्स ने बंगाल सरकार के हलफनामे पर अपना प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय देने का पीठ से अनुरोध किया। इस पर पीठ ने मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्घ करने का निर्देश दिया। रॉय का शव 13 जुलाई 2020 को उनके घर के निकट ही उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद में लटका मिला था। वह 2016 में मार्क्सवादी पार्टी के टिकट पर पश्चिम बंगाल विधान सभा के विधायक निर्वाचित हुए थे। 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं के इन आरोपों को झूठा और निराधार करार दिया है कि देबेन्द्र नाथ रय की पहले हत्या की गई और इसके बाद उनका शव लटका दिया गया। हलफनामे में कहा गया है कि मृतक की पत्नी ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने यह याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसे जांच एजेंसी के काम में किसी प्रकार का दुराग्रह नजर नहीं आया।
भाजपा नेता देबेन्द्र रॉय की मौत को ममता सरकार नहीं मानती राजनीतिक हत्या, सुप्रीम कोर्ट में…
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा वनाग्नि की रोकथाम का मामला, दायर हुई जनहित याचिका
देहरादून। उत्तराखंड में वनाग्नि की रोकथाम का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट अगले…
खेल प्रशिक्षण शिविर शुरू, बिना परिचय पत्र के नहीं मिलेगी स्टेडियम में अनुमति
जयन्त प्रतिनिधि। पौड़ी। खेल विभाग पौड़ी द्वारा इंडोर क्रीड़ा हाल में खेल प्रशिक्षण शिविर प्रारम्भ कर…
कालागढ़ में जनता दरबार आज, काबीना मंत्री रहेंगे मौजूद
जयन्त प्रतिनिधि। पौड़ी। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में…
जिला कलक्टे्रट कार्यालय परिसर में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू
जयन्त प्रतिनिधि। पौड़ी। जिलाधिकारी गढ़वाल धीराज सिंह गब्र्याल के निर्देश पर जिला कलक्टे्रट कार्यालय परिसर में…
देश में साल दर साल बढ़ रहे है ब्रेस्ट कैंसर के मामले, महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की आवश्यकता
जयन्त प्रतिनिधि। ऋषिकेश। महिलाओं की आम बीमारी में शामिल ब्रेस्ट कैंसर के मामले देश में साल…
कोरोना से पौड़ी गढ़वाल में राहत, एक और नया केस
जयन्त प्रतिनिधि। कोटद्वार। जनपद पौड़ी गढ़वाल में कोरोना मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही…