27 करोड़ की ठगी करने के आरोप में कंपनी के पूर्व सीईओ समेत तीन गिरफ्तार
काशीपुर। देश की टेलीकॉम सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी के नाम पर काशीपुर के व्यापारियों से 67 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि तीन नामजद आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इसमें दो युवक देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी में बड़े पद पर भी काम कर चुके हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर ने मंगलवार को काशीपुर एएसपी कार्यालय में खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए लोगों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। इनका नेटवर्क देश के कई राज्यों में चल रहा था। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह लोग अब तक देश के विभिन्न स्थानों से 27 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। पकड़े गए अभियुक्तों में अश्वनी और विनोद राय टेलिकॉम कपंनी में उच्च पदों पर काम कर चुके हैं। इसलिए इनके पास टेलीकॉम कंपनी का पूरा अनुभव था, जिसका लाभ उठाकर इन्होंने कई लोगों के साथ ठगी की।
गिरफ्तार किए लोगों में अश्वनी कुमार पुत्र सुरेश चौबे निवासी ग्राम हरनिचक थाना बेऊर जिला पटना बिहार, विनोद राय पुत्र बलराम राय, निवासी ग्रेटर नोएडा गाजियाबाद, प्रशांत संगल पुत्र नंद कुमार संगल निवासी पुष्प बिहार नेहरू कॉलोनी देहरादून हैं। इसमें अश्नवनी और विनोद राय एक बड़ी टेलकॉम कंपनी में काम कर चुके है। विनोद कंपनी में सीईओ पद पर भी काम कर चुका है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने नामजद अमियुक्तों अश्विनी कुमार, निखिल गांधी, विवेक शर्मा, प्रशांत संगल को पूछताछ के लिए थाने लाया गया।
अश्विनी कुमार विनोद राय को कंपनी का सीईओ बताकर लोगों से मिलवाता था। यही नहीं इन दोनों ने कंपनी के कई शोरूम का उद्घाटन भी किया था। ये लोग इतने शातिर थे कि कंपनी का लोगो और उपकरण भी उपयोग करते थे। जिससे सामने वाले को कोई संदेह न हो। इन्होंने अपना हेड ऑफिस कलकत्ता में बनाया था। वहीं से रुपयों की भी लेनदेन करते थे।
कोलकत्ता के डीसीबी बैंक में जाती थी फर्जीवाड़े की रकम
मामले में लवेश पंचाल की तलाश में विभिन्न राज्यों की पुलिस अलर्ट हो गई है। विभिन्न राज्यों के लोगों से फर्जीवाड़ा कर हड़पी हुई रकम को लवेश के एक डीसीबी एकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया जाता था। मामले में पुलिस कोलकत्ता पुलिस को एकाउंट फ्रीज करने के लिए मेल कर चुकी है। कई अन्य राज्यों में भी इनके नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता था। पुलिस अधिकारियों की माने तो ये पिछले दो साल से एक कंपनी बनाकर पैसे का लेनदेन कर रहे थे।
विभिन्न राज्यों में बनाया दफ्तर
उत्तारखंड, यूपी, बिहार व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इन लोगों बकायदे कंपनी का ऑफिस भी सेटअप कर रखा था। जिसमें यह नामी कंपनी के नाम पर शहर के बड़े व्यापारियों नई स्कीम दिखाकर चूना लगाने का काम करते थे। वायरलेस टीवी, सैटअप बाक्स की स्कीम के नाम पर पूरे देश में इन्होंने 27 करोड़ से ज्यादा की धनराशि का फर्जीवाड़ा किया है।