गंभीर बीमार महिला को बारह किमी पैदल सफर तय कर डोली से पहुंचाया अस्पताल
पिथौरागढ़। बंगापानी के आपदा प्रभावित गांव जाराजिबली में किसी का बीमार पड़ना ग्रामीणों पर भारी पड़ रहा है। व्यवस्था एक माह से बंद मार्ग खोलने में सफल नहीं हो सकी है। गांव में बीमार पड़ने पर डोली ही एंबुलेंस बनती है। मार्ग ध्वस्त होने से ग्रामीण बीमार को डोली से अपने कंधों पर बारह किमी दूर सड़क तक पह्रुंचा रहे हैं।
बंगापानी-जाराजिबली सड़क 19 जुलाई से बंद है। जाराजिबली गांव में आपदा ने कहर मचाया है। बंगापानी से जाराजिबली तक 12 किमी मार्ग ध्वस्त है। गांव को जोड़ने वाले दोनों पैदल मार्ग नेस्तनाबूद हो चुके हैं। 27 जुलाई की आपदा में एक महिला मलबे में दबने के बाद अब तक लापता है। एक अन्य महिला आपदा में बुरी तरह जख्मी हो गई थी। मार्ग बंद होने से पांच दिन तक गांव में तड़पती महिला को ग्रामीणों ने जान की बाजी लगाकर पांचवें दिन सड़क तक पहुंचाया था।
इधर, गांव के ही बाननी तोक की एक महिला जानकी देवी गंभीर बीमार पड़ गई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन और चिकित्सा विभाग को दी। सूचना के बाद भी महिला के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। मंगलवार को एक बार फिर ग्रामीण खुद ही एंबुलेंस बने। बीमार महिला को डोली से 12 किमी ट्रूटे-फूटे मार्ग से सड़क तक पहुंचाया। सड़क तक लाने के बाद महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया ।
एक माह के भीतर रोगी को डोली से सड़क तक लाने का चौथा मामला आपदा के बाद जाराजिबली से बीमार को डोली से सड़क तक लाने की यह चौथी घटना है। पहली बार एक गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ने पर ग्रामीण डोली से सड़क तक लाए। इसके बाद एक युवती के गंभीर बीमार पड़ने पर और तीसरी बार आपदा में मलबे में सौ मीटर दूर तक बही गंभीर रू प से घायल महिला को ग्रामीण डोली से सड़क तक लाए थे। गंभीर घायल महिला को हादसे के छठे दिन प्राथमिक उपचार मिला था।