बिग ब्रेकिंग

उत्तर प्रदेश के 46 रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी

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पीडीडीयू नगर(चंदौली), एजेंसी । आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा ने वाराणसी, लखनऊ समेत यूपी के 46 रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी दी है। शनिवार देर रात खुफिया अलर्ट मिलने के बाद रेल महकमा में हड़कंप मच गया है। पीडीडीयू जंक्शन, वाराणसी र्केट स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। लश्कर-ए-तैयबा ने यूपी के वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर समेत 46 रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी दी है। शनिवार देर रात खुफिया विभाग से आतंकी संगठन लश्कर -ए-तैयबा की धमकी का अलर्ट मिलने के बाद रेलवे स्टेशनों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। खुफिया विभाग से अलर्ट मिलने के बाद वाराणसी में र्केट रेलवे स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों और पीडीडीयू जंक्शन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
खुफिया अलर्ट के बाद पीडीडीयू स्टेशन पर आनन फानन में जीआरपी, आरपीएफ व डाग स्क्वाड ने स्टेशन की सुरक्षा परखी। शनिवार देर रात पीडीडीयू जंक्शन पर जीआरपी कोतवाल सुरेश सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने फोर्स के साथ सभी प्लेटफार्म पर तलाशी शुरू करा दी। वहीं पीडीडीयू जंक्शन से गुजरने वाली दर्जनों ट्रेनों व यात्रियों के सामान की भी तलाशी ली गई। वहीं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी जगह-जगह कर दी गई है। कंट्रोल रुम के कर्मचारियों को दिशा निर्देश देकर गंभीरता से स्टेशन पर नजर रखने का निर्देश दिया गया। सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जा रही है। जीआरपी कोतवाल सुरेश सिंह ने बताया कि आतंकियों की धमकी के बाद स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विश्व प्रसिद्घ फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई है। रविवार को नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकारी व कर्मचारियों ने घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। घांघरिया में रह रहे पार्क प्रशासन के कर्मचारी भी निचले क्षेत्रों में आ गए हैं। अब घाटी के दीदार के लिए सैलानियों को अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा।
प्रतिवर्ष फूलों की घाटी एक जून को खोली जाती है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण एक जुलाई को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी खोली गई थी। घाटी में इस वर्ष 9404 पर्यटक पहुंचे।
जुलाई व अगस्त माह में भारी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक घाटी में फूलों के दीदार के लिए पहुंचे। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण 932 पर्यटक घाटी में पहुंचे थे। फूलों की घाटी के रेंजर बृजमोहन भारती ने बताया कि रविवार को फूलों की घाटी को बंद कर दिया गया है।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ सोमवार को छह माह की पूजा-अर्चना के लिए अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएंगे। मौके पर तुंगनाथ महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है। इसमें बतौर मुख्य अतिथि सीएम पुष्कर सिंह धामी शामिल होंगे।
रविवार सुबह 8 बजे चोपता स्थित भूतनाथ मंदिर में मक्कूमठ के पंच पुरोहितों ने भगवान तुंगनाथ का अभिषेक कर आरती उतारी। सुबह 9 बजे भक्तों के जयकारों के बीच आराध्य की चल उत्सव विग्रह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ के लिए प्रस्थान किया। बनियाकुंड, दुगलबिट्टा, पवधार होते हुए दोपहर 12 बजे डोली मक्कू बैंड पहुंची। वहां पर केदारनाथ के सेवानिवृत्त पुजारी राजशेखर लिंग व स्थानीय व्यापारियों ने भगवान तुंगनाथ को अर्घ्य लगाया।
शाम 4 बजे डोली के बणतोली पहुंचने पर हुड्डू, दैड़ा, सारी, करोखी, उषाड़ा एवं कांडा गांव के ग्रामीणों ने सामूहिक भोग लगाया। देर शाम को रात्रि प्रवास के लिए डोली भुनकुन गुफा पहुंची। वहां विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना व अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया। इस मौके पर पुजारी अतुल मैठाणी, ग्राम प्रधान बीरेंद्र राणा, रामचंद्र सिंह राणा, सरपंच शिशुपाल रावत, सरपंच अनिल कुमार, प्रेम सिंह राणा, जमाणी संदीप, आशीष, आनंद, बलवंत आदि मौजूद थे।

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