उत्तराखंड

अखिल भारत हिन्दू महासभा का 61वां अधिवेशन आयोजित

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देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए त्याग एवं बलिदान के लिए तैयार रहें कार्यकर्ता: मुन्ना कुमार शर्मा
हरिद्वार। अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि अगले पांच वर्षो में देश को अखंड हिन्दू राष्ट्र बनाना है। इसके लिए वर्तमान समय सबसे उपयुक्त है। ज्वालापुर स्थित एक होटल में आयोजित महासभा के 61वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि महासभा के महान नेताओं के सपनों को पूरा करते हुए देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को त्याग एवं बलिदान के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू हितों के लिए संघर्ष कर रही अखिल भारत हिन्दू महासभा उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी तथा पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेगी। हिन्दुओं का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सनातन धर्म व हिन्दू संस्कृति के संरक्षण संवद्र्धन में सभी को अपना योगदान देना चाहिए। आजादी के वीर शहीदों के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र हित में योगदान दें। राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री वीरेश त्यागी ने कहा कि 1915 में हिन्दू महासभा का गठन हरिद्वार में किया गया था। हिन्दू महासभा ही देश का सबसे पहला राजनैतिक दल है। पंडित मदन मोहन मालवीय, विनायक दामोदर सावरकर, भाई परमानन्द, डा.वीएस मुंजे, महंत अवैध नाथ, एनसी चटर्जी, स्वामी श्रद्धानंद जैसे नेताओं ने महासभा का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिकता कानून लागू किया जाना चाहिए। किसी भी वर्ग का तुष्टिकरण नहीं किया जाना चाहिए। सभी के अधिकार समान होने चाहिए। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून अवश्य लागू किया जाए। आर्थिक, सामाजिक असामनता को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को संगठित होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी। स्वागत समिति के अध्यक्ष स्वामी सहजानंद ने कहा कि अखिल भारत हिन्दू महासभा के उद्देश्यों की जानकारी सभी कार्यकर्ताओं को होनी चाहिए। हिन्दू हितों में बढ़चढ़ कर अपना योगदान देंगे। महासभा लगातार पूरे देश में हिन्दू हितों की लड़ाई लड़ती चली आ रही है। जनसंख्या नियंत्रण कानून मोदी सरकार को लागू कराना चाहिए। विशेष वर्ग की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। जिन कारणों से हिन्दू अधिकारों का हनन हो रहा है। संस्कृति एवं सनातन परंपरांओं का निर्वहन ठीक रूप से किया जाना चाहिए। देश भक्ति का जज्बा पैदा कर राष्ट्रहित में अपना योगदान देना होगा।
अधिवेशन का शुभारंभ राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री सुनील कुमार, राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री वीरेश त्यागी, स्वागत समिति के अध्यक्ष स्वामी सहजानंद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा, डा.जनार्दन उपाध्याय, अभय सिंह कुलकर्णी, अनिल पवार, उमेश त्याी, संजीव राणा, डा.अन्नूपूर्णा भारती ने दीप प्रज्वलित कर किया। अधिवेशन में देश की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक स्थिति एवं विदेश मामलों से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई। अधिवेशन के दौरान सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया।
इस दौरान मध्यप्रदेश के संयोजक मोहन लाल वर्मा, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अनिल पवार, तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष राजेश मारीमुथु, गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र टी पटेल, हरियाणा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल सिवाच, प्रदेश प्रवक्ता ललित भारद्वाज, अनिलकांत भटनागर, डा.एमकेआर जय गणेश, गौरव मेहरोत्रा, कुंवर विवेक, जनार्दन दुबे, अशोक त्यागी, अमरजीत शर्मा, अनिल त्यागी, जगदीश मिश्रा, मनीष देशपाण्डे, अशोक पाण्डेय, डा.दीपक त्यागी, सरदार सुरजीत सिंह, कन्हैयालाल रायकवाड़, राजीव त्यागी, मनोज त्यागी, प्रभात रंजन, मुकुल कुमार, नितिन त्यागी, विष्णु शर्मा, संतोष त्रिपाठी, कैलाश नौटियाल, मनमोहन जोशी, यतिन्द्र मोहन ममगाई, मृत्युंजय कलयाणी, तिरूपति रेड्डी, चन्द्रहास फेरन, मोहन कारेमोरे, संतोष मिश्रा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता व प्रतिनिधि शामिल रहे। स्वागत समिति के अध्यक्ष स्वामी सहजानंद, उपाध्यक्ष उमेश त्यागी, महामंत्री संजीव राणा ने सभी का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।

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