सोमवार को खोह नदी के तट पर मिले थे तीन बच्चों के शव
न्याय की मांग को लेकर परिजनों ने किया कोतवाली का घेराव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: गोविंदनगर निवासी तीन बच्चों की मौत के मामले में परिजनों ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि घटनास्थल पर स्कूटी का पिछला हिस्सा मामूली रूप से क्षतिग्रस्त था। लेकिन, कोतवाली में पुलिस ने स्कूटी के आगे के हिस्से को भी तोड़ दिया है। जिससे उन्हें पुलिस की जांच संदिग्ध लग रही है। बच्चों के परिजनों ने जल्द निष्पक्ष जांच नहीं होने पर आत्मदाह की भी चेतावनी दी है।
मालूम हो कि नौ सितंबर को गोविंदनगर निवासी आर्यन, मनो व रौनक घर से स्कूटी में सवार होकर घूमने के लिए निकले थे। लेकिन, वापस नहीं लौटे। सितंबर की सुबह पुलिस ने लैंसडौन वन प्रभाग की दुगड्डा रेंज के अंतर्गत टूट गदेरा में तीनों किशोरों के शव बरादम कर दिए। पुलिस प्रथम दृष्ट्या मौत का कारण सड़क दुर्घटना बता रही थी। लेकिन, मामले में मंगलवार को बच्चों के स्वजनों की ओर से अपहरण कर हत्या की आशंका जताते हुए कोतवाली में तहरीर दी गई। बुधवार को तहरीर के आधार पर जांच नहीं होने पर स्वजनों का गुस्सा भड़क उठा। दोपहर के समय स्वजन व मोहल्लावासी कोतवाली में पहुंचे और पुलिस का घेराव करने लगे। स्वजनों का कहना था कि घटनास्थल की स्थिति को देखकर प्रतीत होता है कि किसी ने बच्चों की हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया। घटनास्थल से बच्चों के चप्पल भी एक तरह रखे हुए मिले हैं। वहीं, बच्चों का मोबाइल भी अब तक बरामद नहीं हुआ है। दुगड्डा चौकी इंचार्ज उपनिरीक्षक सूरत शर्मा ने स्वजनों को हर एंगल से जांच करने का आश्वासन दिया। लेकिन, स्वजन तुरंत न्याय की जिद पर अड़े हुए थे। इस दौरान जैसे ही स्वजन घटनास्थल से बरामद स्कूटी के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त देख स्वजनों का गुस्सा भड़क उठा। स्वजनों का आरोप था कि घटनास्थल में स्कूटी का केवल पिछला हिस्सा ही मामूली रूप से क्षतिग्रस्त था। स्वजनों ने पुलिस पर मामले को दुर्घटना दिखाने के लिए स्कूटी के आगे का हिस्सा तोड़ने का आरोप लगाया। वहीं, पुलिस का कहना था कि क्रेन से स्कूटी लाने के दौरान आगे का कुछ हिस्सा टूट गया है। पुलिस के लाख समझाने के बाद ही स्वजन वापस लौटे।
रोते हुए मां ने दी आत्मदाह की चेतावनी
कोतवाली में न्याय की मांग को पहुंची आर्यन की मां अनु ने जल्द न्याय नहीं मिलने पर कोतवाली में आत्मदाह की चेतावनी दी है। कहा कि उसका केवल एक ही बेटा था। ऐसे में यदि उसे भी न्याय न मिला तो वह भी अपनी जिंदगी खत्म कर देगी। परिजनों का आरोप था कि पुलिस मामले को सड़क दुर्घटना का रूप देना चाहती है। जिस कारण स्कूटी के साथ भी छेड़छाड़ की गई।