उत्तराखंड

हिन्दी दिवस पर कवि चन्द्रकुंवर को किया याद

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रुद्रप्रयाग। हिमवंत कवि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की 75वीं पुण्य तिथि एवं हिन्दी दिवस पर चन्द्रकुंवर बर्त्वात स्मृति शोध संस्थान अगस्त्यमुनि द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। अटल उत्ष्ट राइंका अगस्त्यमुनि में आयोजित कार्यक्रम में कवि के तत्व एवं व्यक्तित्व को याद करते हुए उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। विद्यालय के प्रधानाचार्य हरेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि आज से 75 वर्ष पूर्व जब भारत आजाद ही हुआ था ऐसे समय में मन्दाकिनी घाटी का यह हिमवंत कवि मात्र 28 वर्ष की अल्पायु में हिन्दी साहित्य को अनमोल खजाना सौंप कर महाप्रयाण कर चुका था। उन्होंने हिन्दी दिवस की बधाई देते हुए सभी छात्रों से निबन्ध लिखकर लाने को कहा। शोध संस्थान के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने कहा कि चन्द्रकुंवर बर्त्वाल पहाड़ के ही कवि नहीं हैं बल्कि देश दुनिया के कवि हैं। वरिष्ठ प्रवक्ता सच्चिदानन्द सेमवाल ने उनकी जीवनी पर विस्तार चर्चा करते हुए कहा कि अपनी उम्र के आधे वर्ष उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने में व्यतीत की तो आधी उम्र उनकी बीमारी में कट गई, फिर भी उन्होंने हिन्दी साहित्य में अपना नराम सुनहरे अक्षरों में अंकित कर दिया। संचालन शिक्षक धीर सिंह नेगी ने किया। इस अवसर पर कवि की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर संस्थान के सदस्यों, शिक्षकों एवं छात्रों ने कवि को श्रद्घांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक बीएस पंवार, रवीन्द्र पंवार, माला राणा दिनेश मलासी, कालिका काण्डपाल, दीपक बेजवाल सहित विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकायें तथा बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।

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