क्या सोशल मीडिया से भड़की फ्रांस में हिंसा, सरकार ने इनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी क्यों दी?
नई दिल्ली, एजेंसी। फ्रांस में 17 वर्षीय किशोर नाइल की मौत के बाद देश में हुई हिंसक घटनाएं छठे दिन भी जारी रहीं। हालांकि, सरकार ने दावा किया है कि अब हिंसा कम होती दिख रही है। गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस ने रविवार (दो जुलाई) को देशभर में 78 गिरफ्तारियां कीं। देश में भड़की हिंसा के बाद सोशल मीडिया कंपनियां सवालों के घेरे में हैं। दरअसल, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सोशल मीडिया साइट्स पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया है।
आखिर फ्रांसीसी सरकार ने सोशल मीडिया पर क्या आरोप लगाए हैं? सरकार ने ये आरोप क्यों लगाए? क्या सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने क्या प्रतिक्रिया दी? फ्रांस में अभी क्या हालात हैं? आइये जानते हैंङ्घ
राजधानी पेरिस के उपनगर नानतेरे में मंगलवार को ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने एक किशोर नाइल को गोली मार दी। इससे उसकी मौत हो गई। नाइल को पॉइंट ब्लैंक रेंज से छाती में गोली मारी गई। पहले पुलिस ने दावा किया कि किशोर ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने गोली चलाई। हालांकि, घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस का दावा गलत निकला। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और देश हिंसा की आग में झुलसने लगा।
फ्रांस में हो रही हिंसक घटनाओं के बाद सोशल मीडिया कंपनियां एक बार फिर विवादों में हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने टिकटॉक, स्नैपचैट और अन्य प्लेटफार्मों को दंगा भड़काने का जिम्मेदार ठहराया है। राष्ट्रपति ने दंगों के लिए वीडियो गेम की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार अति संवेदनशील सामग्री को हटाने और उन उपयोगकर्ताओं की पहचान करने के लिए सोशल मीडिया साइटों के साथ काम करेगी।
एक फ्रांसीसी अधिकारी ने सोशल मीडिया पर नाइल पर गोली चलाने वाले पुलिस अधिकारी के नाम और पते की जानकारी वायरल होने का उदाहरण दिया। अधिकारी के मुताबिक, एक जेल अधिकारी ने भी अपना पहचान पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते देखा है।
अधिकारी ने कहा कि हिंसा भड़काने वाली सामग्री को हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से सरकार और स्नैपचैट और ट्विटर सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच बातचीत शुरू हो गई है। फ्रांसीसी सरकार उन लोगों की पहचान करने पर भी जोर दे रही है जो हिंसा को भड़का रहे हैं।
देश के गृह मंत्री दार्मैनिन ने सोशल नेटवर्क के साथ एक बैठक में चेतावनी दी थी कि वो हिंसा भड़काने के लिए चैनल के इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते। दार्मैनिन ने कहा कि फ्रांसीसी अधिकारी सोशल मीडिया कंपनियों को जितना संभव हो उतनी अधिक जानकारी प्रदान करेंगे, ताकि बदले में उन्हें हिंसा भड़काने वाले लोगों की पहचान मिल सके।
उन्होंने कहा कि अधिकारी हर उस व्यक्ति पर नजर रखेंगे जो इन सोशल नेटवर्क का उपयोग हिंसा भड़काने के लिए करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई भी सोशल नेटवर्क कानून का सम्मान नहीं करते हैं, तो देश सभी आवश्यक कदम उठाएगा।