चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने जरूरी परिक्षणों को किया पूरा, इसरो ने कहा- यह मील का पत्थर
नई दिल्ली , एजेंसी। इसरो ने बताया कि ये परीक्षण मार्च 2023 के पहले सप्ताह के दौरान बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में स्थित टेस्टिंग सुविधाओं में किए गए थे। परीक्षण को लेकर इसरो ने कहा कि किसी भी अंतरिक्ष यान के लिए योग्यता और स्वीकृति प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। परीक्षणों की चुनौतियों के बारे में बताते हुए इसरो ने कहा कि चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान तीन मॉड्यूल अर्थात प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर मॉड्यूल का एक संयोजन है। एकीकृत अंतरिक्ष यान पर किए गए कंपन और ध्वनिक परीक्षणों ने लॉन्च पर्यावरण में संरचनात्मक अखंडता और उत्तरजीविता पर पर्याप्त विश्वास प्रदान किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले बीते साल अक्टूबर में इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने रविवार को कहा था कि जून 2023 में चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किए जाने की संभावना है। सोमनाथ ने कहा था कि मिशन चंद्रयान-3 जून 2023 में लॉन्च होने के लिए लगभग तैयार है।
उन्होंने बताया था कि लॉन्च पैड के लिए डिजाइन तैयार है। सुरक्षा के लिए एक बार अगर जमीन हमाने नियंत्रण में आ जाती है, तो हम इस पर निर्माण शुरू कर देंगे। एक सवाल के जवाब में इसरो प्रमुख ने कहा कि पूरी निर्माण गतिविधि (कन्स्ट्रक्शन एक्टिविटीज) दो साल में होने की उम्मीद है। चंद्रयान-3 मिशन को लेकर उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी जून-जुलाई 2023 तक लॉन्च विंडो देख रही है।
गौरतलब है कि चंद्रयान -2, चंद्रमा के लिए भारत का दूसरा मिशन है। जिसे 22 जुलाई, 2019 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था।
एनसीपी की फूट केवल शरद पवार को ही झटका नहीं है बल्कि समूचे विपक्ष के लिए एक बड़ा संकट बन गया है। तभी विपक्षी दिग्गज इस चुनौती से निपटने के लिए शरद पवार को न केवल नैतिक समर्थन दे रहे हैं बल्कि राजनीतिक मजबूती देने के प्रयासों में भी जुट गए हैं। केसी वेणुगोपाल ने 17-18 जुलाई को विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बुलाए जाने का ऐलान किया है।