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महाराष्ट्र के महासंकट से निकलने पर बेंगलुरू में मंथन करेंगे विपक्षी दिग्गज, 17-18 जुलाई को होगी दूसरी बैठक

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बेंगलुरू , एजेंसी। नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शरद पवार की एनसीपी में फूट से लगे तगड़े झटके के बीच विपक्षी एकता को आगे बढ़ाने के लिए दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में होगी। विपक्ष की एकता के प्रयासों के साथ तोड़-फोड़ के जरिए विपक्षी दलों को कमजोर करने की गंभीर होती चुनौतियों पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी। अजीत पवार को तोड़े जाने के घटनाक्रम ने विपक्षी खेमे के एकता प्रयासों को हिला कर रख दिया है और इसीलिए विपक्षी रणनीतिकार हालात को संभालने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
एनसीपी की फूट केवल शरद पवार को ही झटका नहीं है बल्कि समूचे विपक्ष के लिए एक बड़ा संकट बन गया है। तभी विपक्षी दिग्गज इस चुनौती से निपटने के लिए शरद पवार को न केवल नैतिक समर्थन दे रहे हैं बल्कि राजनीतिक मजबूती देने के प्रयासों में भी जुट गए हैं। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसके मद्देनजर ही 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बुलाए जाने की तारीखों का ऐलान करने में देरी नहीं लगाई। एनसीपी संकट सामने आने से पूर्व इस बैठक की तारीखों पर उहापोह और की स्थिति थी। लेकिन अजीत पवार की बगावत के बाद विपक्ष के सामने नई चुनौतियों पर मंथन कर रास्ता निकालने की पहल करने के अलावा विकल्प नहीं रह गया।
बेंगलुरू बैठक में महाराष्ट्र से बढ़ी सियासी मुसीबत पर चर्चा विपक्षी दिग्गजों के एजेंडे में शामिल होगा। वेणुगोपाल ने ट्वीट में बैठक की तारीखों का ऐलान करते हुए इसे जाहिर करते हुए कहा कि पटना में बेहद सफल सर्व-विपक्षी बैठक में फासीवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों को हराने के अपने अटूट संकल्प पर हम कायम हैं और बेंगलुरू बैठक में देश आगे बढ़े इसके लिए एक साहसिक दृष्टिकोण पेश करेंगे। राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी वेणुगोपाल का समर्थन करते हुए कहा ‘बेंगलुरु शिखर सम्मेलन ऑल फॉर वन, वन फॉर ऑल।’
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने भी अपने तीखे ट्वीट में महाराष्ट्र की उथल-पुथल से पैदा हुई स्थिति पर बेंगलुरू में मंथन का संकेत देते हुए कहा ‘जब मुंबई में बीजेपी वॉशिंग मशीन अपने आईसीई (इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी) डिटर्जेंट के साथ फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी एकता पर बीजेपी-प्रेरित श्रद्धांजलियां लिखी जाने लगी। लेकिन श्रद्धांजलि लिखने वाले निराश होंगे। 23 जून को पटना में मिले दलों की अगली बैठक बेंगलुरु में होगी। कुछ भी हो मुंबई ऑपरेशन ने विपक्ष के संकल्प को मजबूत किया है।’
रमेश ने टवीट में ‘मोदी वॉशिंग पाउडर’ की एक तस्वीर टैगलाइन ‘सारे दाग चुटकियों में धुले (एक पल में सभी दाग हटा देता है)’ के साथ टैग करते हुए पीएम पर निशाना साधा। विपक्षी खेमे के तमाम दिग्गज पवार को राजनीतिक और नैतिक समर्थन देते हुए हालात को संभालने के लिए अपनी भूमिका निभा रहे हैं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने रविवार को ही अजीत की बगावत के बाद शरद पवार से फोन पर बात कर अपना समर्थन जताया।
द्रमुक प्रमुख तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, वामपंथी दलों के नेताओं के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से लेकर विपक्षी खेमे के सभी प्रमुख नेता शरद पवार के साथ मजबूती से खड़े होने का संदेश देते नजर आए।अखिलेश ने सोमवार को एनसीपी में बगावत पर कहा कि सबका एक लक्ष्य है कि देश से बीजेपी जाए। ना सत्य बदल सकता है और ना लक्ष्य बदल सकता है। दिल्ली की सरकार में बीजेपी को हटाने के लिए रास्ता निकालना पड़ेगा। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी शरद पवार के संकट को समूचे विपक्ष के लिए चुनौती मानते हुए कहा कि भारत दुनिया भर में एक जीवंत लोकतंत्र और एक साफ्ट पावर के रूप में प्रसिद्ध है। लेकिन इसे नुकसान पहुंचा कर नष्ट किया जा रहा है और यह विपक्ष की एकता को तोड़ेगा नहीं बल्कि इसे और मजबूत करेगा।

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