ठंड के साथ बढ़ने लगी पहाड़ी दालों की डिमांड
पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बढ़े दालों के दाम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: ठंड बढ़ने के साथ ही पहाड़ी दालों की डिमांड भी बढ़ने लगी है। हालांकि इस वर्ष पिछले वर्षों के मुकाबले दालों के दामों में कुछ बढोत्तरी भी देखने को मिल रही है। बाजार में प्रतिदिन कई टन पहाड़ी दल की खपत हो रही है।
अधिकांश पहाड़ी दालों की तासीर गर्म होती है। यही कारण है कि ठंड के मौसम में पहाड़ी दालों की डिमांड लगातार बढ़ने लगती है। कोटद्वार से दिल्ली, गुडगांव सहित अन्य मौदानी क्षेत्रों को जाने वाली प्रवासियों के बीच पहाड़ी दाल सबसे अधिक लोकप्रिय बनी हुई है। यही नहीं, कई प्रवासी गांव से निकलने से पहले ही दुकानदार को अपना आर्डर नोट करवा दे रहे हैं। कोटद्वार के बदरीनाथ मार्ग में पहाड़ी दाल बेचने वाले राजेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले कुछ माह से पहाड़ी उत्पादों का बाजार ठंडा पड़ा हुआ था। लेकिन, ठंड बढ़ने के साथ ही पहाड़ी दालों के बाजार में उछाल आ गया है। इस वर्ष कई दालों में पांच से दस रुपए का उछाल हुआ है।
इसलिए बढ़े दाम
वर्षाकाल में हुई अधिक बारिश का असर पहाड़ी दालों पर भी देखने को मिल रहा है। अधिक बारिश के कारण उड़द, रयांस, तोर सहित विभिन्न दालों की कई फसल बर्बाद हो गई थी। यही कारण है कि इस बार कई दालों के दाम आसपास छू रहे हैं। दाल बेचने वाले व्यापारियों का कहना है कि इस बार बहुत कम गांव में ही पहाड़ी उत्पाद मिल रहे हैं।
यह हैं दालों के दाम
पहाड़ी दाल दाम
गहथ 180 रुपये किलो
मिक्स दाल 120 रुपये किलो
पहाड़ी उड़द 140 रुपये किलो
रयांस 100 रुपये किलो
झंगोरा 100 रुपये किलो
काला भट्ट 100 रुपये किलो
जख्या 120 रुपये किलो