गढ़वाली फिल्म रिखुली की कहानी पर रीझे दर्शक
देहरादून। गढ़वाली फिल्म रिखुली आज से दून समेत कोटद्वार, दिल्ली, नोएडा के मल्टीप्लेक्स में एक साथ रिलीज की गई। दून में यह फिल्म पीवीआर यूनिसन सेंट्रियो मल में दोपहर के शो में दिखाई जा रही है। एक पहाड़ी लड़की के संघर्षमय जीवन पर बनी यह फिल्म देख दर्शक काफी प्रभावित नजर आए। न्यू र्केट रोड स्थित सेंट्रियो मल के पीवीआर में दर्शकों की अच्छी खासी संख्या देखकर फिल्म से जुड़े कलाकार उत्साहित दिखे। यह फिल्म दोपहर के शो में दिखाई गई। फिल्म के उद्घाटन शो को देखने के लिए गढ़वाली फिल्मों के अभिनेता बलराज नेगी, निर्देशक आशु चौहान, रवि ममगाईं, गायक सौरभ मैठाणी, रजनीकांत सेमवाल मौजूद रहे। वहीं फिल्म से जुड़े डीओपी गोविंद नेगी, कलाकार अंजली नेगी, निर्देशक जगत किशोर गैरोला, कोरियोग्राफर शैलेन्द्र पटवाल, गायिका प्रतिक्षा बमराड़ा ने भी दर्शकों के साथ ये फिल्म देखी। फिल्म में मुख्य किरदारों में विजय वशिष्ठ, अंजली नेगी, प्रशांत डिमरी, मीना तिवारी, दीपा बिष्ट आदि ने अपने अभिनय से प्रभावित किया। यह फिल्म कोटद्वार में फ्लानेक्स सिनेमैक्स, दिल्ली के पीवीआर वेगास मल द्वारिका व नोएडा के पीवीआर लजिक्स में भी दिखाई जा रही है। इन सभी जगह पर भी फिल्म का पहला शो उत्साहजनक रहा। खासकर नोएडा व दिल्ली में इस फिल्म को अच्छा रेस्पांस मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। निर्देशक जगत किशोर गैरोला के मुताबिक यह फिल्म करीब चालीस साल पुराने उत्तराखंड के एक गांव की कहानी को दर्शाती है। जिसमें रिखुली यानि भालु जैसी दिखने वाली मुख्य पात्र लक्ष्मी को सामाजिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। सौतेली मां के क्रूर व्यवहार का सामना करती हुई रिखुली की पहाड़ी से गिरने से असमय मौत हो जाती है। शव गहरी खाई में गिरे होने से उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पाता। फलस्वरुप गांव में अनहोनी घटित होने लगती है। लक्ष्मी के साथ बचपन में खेलने वाला बालक बड़ा होने पर उसका अंतिम संस्कार करता है। ताकि गांव में घटने वाली अनहोनी घटनाएं रुक सके।