उद्यान विभाग देगा जिले में केसर उत्पादन को बढ़ावा
अल्मोड़ा। जिले की जलवायु केसर उत्पादन के लिए उपयुक्त है। प्रथम चरण में प्रयोग के तौर पर जिले के पांच स्थानों पर लगाए गए केसर का जमाव अच्छा हुआ है। उद्यान विभाग अब जिले के अन्य क्षेत्रों के भी केसर उत्पादन से किसानों को जोड़ने की योजना तैयार कर रहा है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने उद्यान विभाग को औद्यानिक विकास कार्यक्रम के तहत नए प्रयोग कर किसानों की आय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी की पहल पर उद्यान विभाग ने पिछले माह शेर-ए-कश्मीर कृषि विवि से तीन क्विंटल केसर के बल्ब मंगाए थे। कश्मीर से विवि के आए विशेषज्ञों की देखरेख में रानीखेत के खनिया, भड़गांव, शीतलाखेत में स्याहीदेवी स्टेट और अन्य स्थानों के अलावा लमगड़ा में केसर के बल्बों का किसानों के खेतों में रोपण किया गया था। शेर-ए कश्मीर विवि के विशेषज्ञों ने खनिया और शीतलाखेत में केसर की खेती को लेकर तीन दर्जन किसानों को प्रशिक्षण भी दिया। मुख्य उद्यान अधिकारी त्रिलोकी नाथ पांडे ने बताया कि जिले के शीतलाखेत, रानीखेत, द्वाराहाट, लमगड़ा क्षेत्र की जलवायु केसर उत्पादन के लिए उपयुक्त है। पिछले माह जिन स्थानों पर केसर के बल्ब लगाए गए थे वहां अच्छा जमाव हुआ है। एक बल्ब तीन साल तक चलता है। ढलान वाली भूमि केसर उत्पादन के लिए अच्छी रहती है। इसके लिए अधिक पानी की जरुरत भी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि जिले में अन्य स्थानों पर इच्छुक किसानों को केसर उत्पादन से जोड़ा जाएगा और इसके लिए योजना तैयार की जा रही है।