नगर निगम कोटद्वार में 30 केन्द्रीयत पदों में से 26 पद रिक्त
तीन वर्ष में दूर नहीं हो पाया कर्मचारी संकट
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम में कर्मचारी संकट दूर नहीं हो पा रहा है। कर राजस्व निरीक्षक से लेकर सहायक नगर आयुक्त तक के 26 पद रिक्त पडे है। नगर निगम में केन्द्रीयत कुल 30 पद हैं। इनमें से 4 पदों पर हीअधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। शेष 26 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में निगम से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं। विकास कार्यों को गति नहीं मिल रही है और रूटीन के कार्यों के लिए शहरवासियों को कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। सरकार चार वर्ष के अपने कार्यकाल में नगर निगम कार्यालय को अधिकारी व कर्मचारी ही नहीं दे पाए। शहर का कितना विकास होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
करीब डेढ़ लाख की आबादी वाले कोटद्वार क्षेत्र को 2017 में उत्तराखंड शासन ने नगर निगम का दर्जा दे दिया। तीन वर्ष बीत गए, लेकिन आज भी निगम में सुविधाएं वहीं पालिका वाली ही है। हालात यह हैं कि नगर निगम के लिए स्वीकृत केंद्रीयत सेवा के 33 पदों के सापेक्ष मात्र चार पदों पर ही कर्मियों की तैनाती है। नगर पालिका परिषद कोटद्वार में मात्र 11 वार्ड थे। वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 में भाबर की करीब 35 ग्राम सभाओं को पालिका में शामिल कर नगर निगम का दर्जा दे दिया, निगम में चालीस वार्ड बनाये गये। वार्डों की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन इन वार्डों में नगर निगम के जिन कर्मियों के दिशा-निर्देशन में विकास कार्य होने है, उन कर्मियों की आज तक तैनाती नहीं हुई है। हालात यह हैं कि नगर निगम गठन के बाद से अब तब महज केन्द्रीयत नगर आयुक्त, सहायक नगर आयुक्त, सफाई निरीक्षक के पद पर ही तैनाती हुई है। नतीजा, नगर निगम में न तो विकास कार्यों को गति मिल पा रही है और न ही निर्माणाधीन कार्यों पर नजर रखी जा रही है।
नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि नगर निगम में केन्द्रीयत सेवा के सहायक नगर आयुक्त के एक, सहायक अभियन्ता (सिविल), अवर अभियन्ता (इलेक्ट्रिक), लेखाकार, कर निर्धारण एवं राजस्व अधिकारी के एक-एक, सफाई निरीक्षक के चार, प्रधान सहायक के तीन, वरिष्ठ सहायक के छ:, सहायक लेखाकार के दो, कर एवं राजस्व अधीक्षक के दो, कर एवं राजस्व निरीक्षक के चार पर रिक्त है। उन्होंने कहा कि कर्मियों की कमी का सीधा असर निगम के कार्यों पर पड़ रहा है। शासन से निगम की ढांचे के अनुरूप कर्मियों की तैनाती को पत्र भेजा गया है। कर्मियों की तैनाती होने पर विकास कार्यों में तेजी आएगी।