आवास समस्या से जूझ रहे हैं जिला अस्पताल के चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी
-कोरोना संक्रमण के भय से भवन स्वामी बना रहे आवास खाली करने का दबाव
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे जिला अस्पताल के चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों को आवास की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अस्पातल के अधिकांश चिकित्सक और कर्मी किराए के आवासों पर रह रहे हैं। कोरोना संक्रमण के उपचार में शामिल होने के चलते इन चिकित्सकों और कर्मियों के भवन स्वामी असहजता महसूस कर रहे हैं। जिससे चिकित्सकों और इन कर्मियों को भी परेशानी हो रही है। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पीपीपी मोड के अनुबंध में एक साल के भीतर उनके चिकित्सकों और कर्मचारियों को आवास सुविधा दिए जाने की बात कही गई है।
बीते जनवरी माह में जिला चिकित्सालय को पीपीपी मोड पर इंद्रेश अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया गया था। तब से जिला अस्पताल इंद्रेश अस्पताल देहरादून प्रबंधन की ओर से संचालित किया जा रहा है। अब यहां पूरा स्टाफ इंद्रेश अस्पताल प्रबंधन का है। यहां तैनात सरकारी चिकित्सकों और अन्य कर्मियों को अन्यत्र स्थानांतरित और समायोजित कर दिया गया है, लेकिन अभी तक जिला चिकित्सालय के पूर्व चिकित्सकों और कर्मियों ने आवास खाली नहीं किए गए हैं। जिससे यहां तैनात पीपीपी मोड के स्टाफ को आवास सुविधा नहीं मिल पा रही है। पीपीपी मोड के चिकित्सक और अन्य स्टाफ शहर में किराए के आवासों में रह रहा है। इन कर्मियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण का भय लगातार बढ़ रहा है। जिससे उनके भवन स्वामी असहजता महसूस कर रहे हैं। भवन स्वामियों को लगता है कि उक्त चिकित्सक या कर्मी कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे हैं। जिससे इन लोगों से भी कोरोना संक्रमण का भय है। कुछ कर्मियों का यहां तक कहना है कि भवन स्वामी आवास खाली करने का दबाव भी बना रहे हैं। इन लोगों के समक्ष आवास का संकट खड़ा हो गया है। वहीं जिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. गौरव रतूड़ी ने बताया कि शासन के साथ पीपीपी अनुबंध में एक साल के भीतर उनके चिकित्सकों और कर्मियों को आवास व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है। अभी उनके 6 वरिष्ठ चिकित्सकों को आवास व्यवस्था उपलब्ध हो पाई है।