उत्तराखण्ड ऊर्जा निगम का कीर्तिमान सात दिन में बिछाई 5 किमी. भूमिगत केवल, सीएम ने दी शाबासी
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में बढ़ती आक्सीजन की मांग को देखते हुए मै. लिण्डे इण्डिया के लिक्विड आक्सीजन प्लांट के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिकार्ड समय में अंडरग्राउंड कैबलिंग पूर्ण करने पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी जज्बे के साथ काम करते हुए हम कोविड के खिलाफ लड़ाई में अवश्य जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के कारण देश में ऑक्सीजन की कमी की समस्या के दृष्टिगत ऑक्सीजन प्लांटों से उनके क्षमता के अनुरूप पूर्ण उत्पादन सम्भव हो सके, इसके लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। 9 मई 2021 को भूमिगत केबल डाले जाने का कार्य प्रारम्भ करते हुए लगभग 5 किमी. भूमिगत केबिल डाली गई और दिनांक 15 मई 2021 को रिकार्ड 7 दिन के समय में यह कार्य पूर्ण कर लाईन ऊर्जीकृत की गई। कोविड के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों में भी भूमिगत केबिल डाले जाने हेतु केबल अलवर तथा दिल्ली, एचडीपी पाईप गाजियाबाद, ज्वाईटिंग किट लखनऊ तथा मानव शक्ति सहारनपुर से मंगायी गयी। रात-दिन युद्धस्तर पर कार्य सम्पादित कर यह कार्य एक सप्ताह के अल्प समय में पूर्ण कराया गया। इस महत्वपूर्ण कार्य को अल्प समय में पूर्ण किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा सभी कार्यों को कराये जाने हेतु विशेष स्वीकृति प्रदान की जिससे कोविड माहमारी के दृष्टिगत एक भी लीटर ऑक्सीजन की हानि न हो।
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गौरतलब है कि देहरादून स्थित सेलाकुई क्षेत्र में मै. लिण्डे इण्डिया द्वारा वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 160 टन लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है जो कि वर्तमान में कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। 23 अप्रैल के पश्चात 8 मई के मध्य मै. लिण्डे को पोषित करने वाली 33 केवी लाइन में 5 ट्रिपिंग व 1 मौके पर अंडर वोल्टेज के कारण प्लांट में उत्पादन बाधित होने की सूचना प्राप्त हुई। ट्रिपिंग के कारणों की समीक्षा में पाया गया कि 33 केवी लाईन का लगभग 3 किमी भाग ऐसे क्षेत्र से गुजरता है जहां मछली और मीट के अंग फेंके जाने के कारण बड़ी संख्या में पक्षी क्षेत्र में आकर्षित होते हैं एवं मुख्यत: बर्डफाल्ट के कारण 33 केवी लाईन पर ट्रिपिंग दर्ज की जा रही थीं।
वर्तमान समय में एकएक लीटर ऑक्सीजन की महत्ता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उक्त समस्या का समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। सचिव (ऊर्जा), उत्तराखण्ड शासन, श्रीमती राधिका झा द्वारा दिनांक 8 मई को सेलाकुई में ऑक्सीजन प्लांट एवं 33 केवी लाईन का स्थलीय निरीक्षण/समीक्षा की गयी। आच्छादित क्षेत्र में ग्राबेज/जानवर के वेस्ट अंग को तत्काल हटाने के निर्देश दिये गये। जिला प्रशासन को यह भी निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति नया कूड़ा इत्यादि न डाले। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि मै. लिण्डे को पोषित करने वाली इस समस्या से आच्छादित 3 किमी की लाईन को भूमिगत किया जाये जिसके लिये लगभग 5 किमी भूमिगत केबिल डाली जानी आवश्यक थी। भूमिगत केबल डाले जाने के कार्य का व्यय लगभग 3.2 करोड़ रूपये की स्वीकृति ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत करायी गई एवं इस कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु 7 दिनों का समय निर्धारित किया गया जब तक भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण हो लाईन पर ट्रिपिंग रोकने के लिये स्थानीय प्रशासन के सहयोग से लाईन के प्रत्येक विद्युत पोल पर मानवशक्ति कार्योजित करते हुये पक्षियों को लाईन के निकट न आने से रोका गया।
ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आक्सीजन प्लांट को होने वाली एक भी ट्रिपिंग की समीक्षा की जा रही है तथा उनके द्वारा टास्क फोर्स का गठन करते हुये केन्द्र से पीजीसीआईएल एवं टाटा पावर के अधिकारियों को इस हेतु समीक्षा व सहयोग हेतु देहरादून भेजा गया। इस टास्क फोर्स द्वारा भी उत्तराखण्ड में किये गये निर्णयों व कार्यों सही पाया। उक्त कार्य बिना किसी शटडाउन के पूर्ण कराया गया। मात्र 3.5 घंटे का शटडाउन केबल को जोड़ने के लिये लिया गया तथा इस 3.5 घंटे में भी 10 किमी की ओवरहेड लाईन में यथा आवश्यक कार्य पूर्ण किये गये, जिससे विद्युत आपूर्ति में निरन्तरता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही साथ मै. लिण्डे के प्लान्ट में वोल्टेज डिप के कारण ट्रिपिंग न हो इस हेतु रिले की सैटिंग पिटकुल, पीजीसीआईएल व टाटा पावर के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से की गयी। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड तीरथ सिंह रावत ने दिए गए निर्देशों के क्रम में अत्यंत अल्प समय में यह कार्य पूर्ण किये जाने पर सचिव (ऊर्जा), श्रीमती राधिका झा, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल डॉ. नीरज खैरवाल, निदेशक (परियोजना), जगमोहन सिंह स्थाण, निदेशक (परिचालन) अतुल कुमार अग्रवाल तथा अन्य समस्त अधिकारियों की सराहना की। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय द्वारा रिकार्ड समय में भूमिगत केबल का कार्य पूर्ण किये जाने पर ऊर्जा विभाग, उत्तराखण्ड की सराहना की गई।