रामनगर विधानसभा बनी कांग्रेस की उलझन
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर अभी भी माथापच्ची जारी है। हालांकि, पार्टी ने 53 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, लेकिन 17 सीटों पर अब भी मुश्किलें बरकरार हैं। सबसे हट सीट रामनगर विधानसभा बनी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि खबर है कि हरीश रावत खुद इस सीट से चुनाव लड़ने के मूड में हैं। लेकिन वहीं, रामनगर सीट से कांग्रेस दावेदार रंजीत रावत पिछले 5 साल से तैयारी कर रहे हैं। हालांकि 2017 में वह भाजपा के प्रत्याशी से हार गए थे, लेकिन तभी से वह इस सीट पर चुनावी अंकगणित जुटाने में लगे हुए हैं।
कांग्रेस पार्टी भी चाहती है कि हरीश रावत चुनाव लड़े और ऐसी स्थिति में हरीश रावत रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। बस इसी बात को लेकर पार्टी के अंदर गदर मचा हुआ है। खबर है कि रंजीत रावत रामनगर सीट को किसी भी हालत में नहीं छोड़ना चाहते। जबकि हरीश रावत रामनगर से चुनाव लड़कर रंजीत रावत को सल्ट विधानसभा में शिफ्ट करना चाहते हैं। दूसरी तरफ किच्छा विधानसभा सीट पर वैसे तो पार्टी ने पहली सूची में ही तिलकराज बेहड़ का नाम फाइनल कर दिया है, लेकिन इस सीट पर भी अभी कुछ संशोधन की संभावना बनी हुई है। बता दें कि हरीश रावत जब मुख्यमंत्री थे, तब रंजीत रावत उनके बेहद खास थे, लेकिन सत्ता से उतरने के बाद हरीश रावत और रंजीत रावत के बीच ऐसी अनबन हुई कि अब दोनों एक दूसरे के सबसे बड़े विरोधी माने जाते हैं। हरीश रावत के रामनगर से चुनाव लड़ने से रंजीत रावत का इस सीट से टिकट कटना तय है और उन्हें किसी दूसरी सीट पर शिफ्ट होना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा रंजीत रावत को मंजूर नहीं है। इन्हीं तमाम विवादों को लेकर पार्टी फिलहाल चर्चा में जुटी हुई है।