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पटियाला में हिंसा के बाद पंजाब सरकार अलर्ट, भगवंत मान ने ली अफसरों की बैठक, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मांगी रिपोर्ट

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चंडीगढ़/पटियाला। पटियाला में हुई हिंसा के बाद राज्य की भगवंत मान सरकार सतर्क हो गई है।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं। ये आदेश उन्होंने मुख्य सचिव अनिरुद्घ तिवारी, डीजीपी वीके भावरा व अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ हुई बैठक में दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने डीजीपी से कहा कि इस मामले को लेकर सख्ती बरतें और पंजाब के अमन कानून के साथ खिलवाड़ करने वाले चाहे जो भी हों उनके साथ सख्ती से निपटा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब विरोधी शक्तियों को शांति किसी भी कीमत पर भंग नहीं करने देंगे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य में शांति व्यवस्था को कतई भंग करने नहीं दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि उन्होंने डीजीपी से बात की, इलाके में शांति बहाल कर दी गई है। राज्य सरकार स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं। सरकार के लिए पंजाब की शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस बीच, जिला उपायुक्त साक्षी साहनी ने जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। कर्फ्यू सायं 7 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा। डीसी ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। कहा कि प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।
उधर, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पटियाला में एक अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हुई झड़प पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
बता दें, शिव सेना बाल ठाकरे ने पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकाला। वह खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। इस बीच वहां गर्मख्याली सिख युवक भी पहुंच गए और मार्च निकाला। उन्होंने शिव सैनिकों का बंदर सेना करार दिया। इसी दौरान काली माता मंदिर में हिंदू व सिख संगठनों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हिंसा में एक हिंदू नेता और थाना त्रिपड़ी के एसएचओ घायल हो गए। उधर, घटना के बाद से श्री काली देवी मंदिर को श्रद्घालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। उधर, आज की घटना को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरा है। कहा कि पंजाब सरकार और प्रशासन सजग होते तो पटियाला घटना को रोका जा सकता था। कांग्रेस, अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, विपक्ष ने इस घटना के लिए पंजाब सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्ष का कहना है कि अगर पंजाब सरकार और प्रशासन सजग होते तो इस घटना को घटने से रोका जा सकता था। भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि पटियाला की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से आम आदमी पार्टी का जहां ‘असली चेहरा’ सबके सामने आया है। वही इनका पंजाब के प्रति उद्देश्य भी उजागर हो गया है। शर्मा ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि इतनी बड़ी घटना को होने दिया गया। शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से तनाव चल रहा था और राज्य सरकार और प्रशासन को किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए सतर्क रहना चाहिए था। प्रदेश प्रधान ने कहा कि आप का झुकाव राष्ट्र विरोधी ताकतों की तरफ है और पन्नू एक खालिस्तानी विचारधारा वाला व्यक्ति है, जो पिछले कुछ दिनों में बहुत मुखर हो रहा है।
शिरोमणि अकाली दल ने आज पटियाला में हुई झड़पों की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए और पंजाबियों से हर कीमत पर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। अकाली दल के प्रवक्ता डा़ दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारना चाहिए, जोकि सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गई है।
डा़ चीमा ने कहा कि यह कानून और व्यवस्था की स्थिति के पूरी तरह से ध्वस्त होने का उत्ष्ट उदाहरण है। आप सरकार ने अग्रिम चेतावनी के बावजूद निर्णायक कार्रवाई नहीं की है। अब भी राज्य को व्यवस्थित करने के बजाय इसके प्रवक्ता विपक्ष के साथ दोषारोपण का खेल खेलने में व्यस्त हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पटियाला घटना की निंदा करते हुए कहा कि गुरुओं ने सांझी वार्ता का संदेश दिया है। लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम बार्डर राज्य है। अन्य राज्यों के मुकाबले हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि कई दुश्मन ताकतें राज्य का माहौल खराब करने की ताक में जुटी रहती है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने पटियाला में दो समूहों के बीच हुई सांप्रदायिक झड़प की निंदा की है। आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने इस घटना के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि कांग्रेस, शिअद, भाजपा और शिवसेना जैसी रिवायती पार्टियां पंजाब का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं, ताकि भगवंत मान सरकार के जन हितैषी फैसले और माफियाओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।
कंग ने कहा कि एक तरफ भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार लगातार पंजाब की जनता की सुविधा के लिए फैसले ले रही है, दूसरी तरफ माफियाओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर रही है। विरोधी पार्टियां, जिन्होंने 75 साल तक पंजाब के लोगों के लिए कुछ नहीं किया, यह पचा नहीं पा रहे हैं कि एक आम परिवार से आने वाला व्यक्ति कैसे पंजाब का मुख्यमंत्री बन गया।
ईद को देखते हुए पंजाब के गृह विभाग ने एडीजीपी सुरक्षा को ईद्गाहों और मस्जिदरों की सुरक्षा के इंतजाम करने के आदेश दिए हैं। ये आदेश राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा पंजाब के प्रधान मोहम्मद फिरोज उद्दीन ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अलविदा जुमा और ईद उल फितर नमाज के दौरान प्रदेश की सभी मस्जिदों और ईद्गाहों पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था कराने के आग्रह को देखते हुए दिए गए हैं। ईद उल फितर की नमाज 2 या 3 मई 2022 को मस्जिद और ईद्गाह में अदा की जाएगी।

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