गांव के करीब पहुंची जंगल की आग, पहाड़ में चढ़ रहा पारा, बढ़ी उमस
रानीखेत/अल्मोड़ा। पहाड़ में वन क्षेत्रों की आग बेकाबू होती जा रही है। विकासखंड में धुराफाट पट्टी के मुसोली व बिल्लेख से लगे जंगलात रातभर धधकते रहे। वहीं फल्दाकोट पट्टी के वन पंचायत में उठी लपटें गांवों के करीब तक पहुंच गई। आग इतनी विकट थी कि देर रात रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे तक तपिश महसूस की गई।
वनाग्नि से उठ रहे धुंए व लगातार जंगल जलने से अपेक्षात शीतल रानीखेत क्षेत्र का तापक्रम बढ़ा दिया है। दिन में जबर्दस्त उमस रही। अधिकतम पारा अप्रत्याशित रूप से 29 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा है, जो अप्रैल में पिछले वर्षों की तुलना में करीब सात डिग्री ज्यादा है। वहीं, धुंध की चादर ने हिमदर्शन पर ग्रहण सा लगा दिया है।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से लगे जैनोली व तडियासुयाल के निचले भूभाग पर वन पंचायत बीती देर शाम लपटों से घिर गई। चीड़ बहूल जंगल में हवा के झोंकों के साथ आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही घंटों में लपटें आबादी क्षेत्र तक पहुंच गई।
क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रिभुवन सिंह फत्र्याल ने बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं के लिए सीधे तौर पर वन विभाग की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने तर्क दिया कि यदि ग्रामीणों को वन क्षेत्रों में दोबारा हकहकूक की व्यवस्था लागू कर दी जाए तो लोग उनके संरक्षण के प्रति संजीदा होंगे।
उधर धुराफाट पट्टी में भी मुसोली व बिल्लेख क्षेत्र के मिश्रित व चीड़ बहूल जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए। अब तक अटूते इन वन क्षेत्रों में आग से लाखों की वन संपदा नष्टड्ढ हो गई। वहीं वन्यजीवों एवं पक्षियों के वासस्थल भी बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं।
इधर, नगर से लगे घिंघारीखाल क्षेत्र में भी जंगल धधक उठे हैं। वन क्षेत्राधिकारी हरीश टम्टा ने लोगों से वनों को आग से बचाने में सहयोग की अपील की है। वनाग्नि का दौर न थमने से अप्रैल आखिर में रानीखेत क्षेत्र का तापमान बढ़कर 29 डिग्री पहुंच गया है। वायुमंडलीय आद्र्रता का आंकड़ा 41 फीसद होने से फिलहाल वर्षा के आसार कम ही हैं।
अल्मोड़ा। जिले में हर दिन आग की घटनाएं बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को आग की 23 घटनाओं में 59 हेक्टेयर जंगल राख हो गया। सोमेश्वर क्षेत्र में रात भर कई स्थानों में जंगल जलते रहे। वहीं बढ़ती जंगलों की आग की घटनाओं से जगह-जगह धुंध छाई हुई है।
अप्रैल माह के अंत में अब फायर सीजन पीक पर है। जंगलों की आग ने दुश्वारियां बढ़ा दी है। शुक्रवार को रानीखेत, द्वाराहाट, मोहान, सोमेश्वर, अल्मोड़ा, स्याहीदेवी आदि के जंगलों में आग लगी। हालांकि छह घटनाओं पर सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन कुछ स्थानों में सक्रिय आग की घटनाओं ने जंगलों को आगोश में ले लिया। आग की तेज लपटों से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। उधर सोमेश्वर क्षेत्र के जंगलों में पिछले दो दिनों से आग लगी रही।
वन विभाग के कर्मियों के आग बुझाने के बाद फिर से आग सुलग गई। गुरुवार की पूरी रात भी जंगल जलते रहे। रात भर जंगलों के जलने से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। शुक्रवार को 23 घटनाओं के साथ ही जिले में अब तक जंगलों की आग की 331 घटनाएं हो चुकी है, जिसमें 755 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। वहीं लगभग 21 लाख रुपये की वन संपदा का नुकसान हो चुका है।