जलवायु परिवर्तन पर बोले पीएम मोदी- दुनिया को तबाह करने में भारत का कोई हाथ नहीं, हम वो लोग हैं जो पौधों में भी भगवान देखते हैं
बर्लिन , एजेंसी। यूरोप यात्रा के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन का दौरा किया। यहां हवाई अड्डे पर अगवानी करने से लेकर भारतीय समुदाय के कार्यक्रम तक डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन मोदी के साथ ही रहीं। पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय से संबोधन के दौरान कहा कि हमारा पहनावा खान पान भले ही अलग-अलग हों, लेकिन हमारी वैल्यू-कोएक्जिसटेंस एक जैसी हैं। यही हमारी ताकत है।
क्लाइमेट एक्शन अभी तो सफल होता नजर नहीं आ रहा है। कुछ इक्के दुक्के अपवाद कुछ कर पाते होंगे। लेकिन हम कर पा रहे हैं इसका कारण यह है कि हम क्लाइमेट एक्शन को सरकारों की मल्टीलेटरल संस्थाओं की जिम्मेदारी के तौर पर देखते रहे हैं। जब तक समाज इसे पूरी तरह से स्वीकार न कर ले। मोदी-मोदी करने से नहीं होता है। ये इसलिए हो रहा है क्योंकि हर हिंदुस्तानी संकल्पबद्घ होकर खुद से जो हो सकता है, करता है। जब हर व्यक्ति इसे अपना दायित्व मानता है तो हम लक्ष्य से दूर नहीं रहते।
बेला सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित करत हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा पहनावा खान पान भले ही अलग-अलग हों, लेकिन हमारी वैल्यू-कोएक्जिसटेंस एक जैसी हैं। यही हमारी ताकत है। जिनकी जड़ें किसी भी तरह से भारत मां से जुड़ी हैं, वे रूल अफ ल के प्रति सम्मान रखते ही हैं। एक भारतीय दुनिया में कहीं भी जाए, वह अपनी कर्मभूमि के लिए पूरी ईमानदारी से योगदान देता है। जब मेरी विदेशी नेताओं से मुलाकात होती है, तो वे मुझे अपने देश के भारतीयों की उपलब्धियों को शान से बताते हैं। वे भारतीयों के नेचर की सराहना करते थकते नहीं। आप लोगों के व्यवहार और संस्कार के मूल में है ये। इसलिए मुझे जो बधाइयां मिल रही हैं, वह मैं आपको समर्पित करता हूं।
बेला सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित करत हुए पीएम मोदी ने कहा, आप लोगों ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री का और मेरा यहां जो भव्य स्वागत किया, उसके लिए मैं आप सभी का बहुत आभारी हूं। आज प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का यहां होना इस बात का प्रमाण है कि भारतीयों के प्रति उनके दिल में कितना प्यार और सम्मान है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के कारण बहुत समय तक सभी की लाइफ एक तरह से वर्चुअल मोड में ही चल रही थी। पिछले साल जैसे ही आवाजाही मुमकिन हुई तो प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन पहली हेड अफ गवर्नेमेंट थीं जिनका हमें भारत में स्वागत करने का अवसर मिला। ये भारत और डेनमार्क के मजबूत होते संबंधों को दिखाता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारी ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, उनकी वैल्यूज से प्रेरित है। आज उनके साथ मेरी जो चर्चा हुई है, उस से दोनों देशों के संबंधों को नई ताकत मिलेगी, नई ऊर्जा मिलेगी।