कोटद्वार-पौड़ी

जिदंगी से जंग जीतकर घर पहुंचे गब्बर सिंह, फूल-मालाओं से हुआ स्वागत

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 17 दिन जिंदगी मौत से जंग जीतकर कोटद्वार पहुंचे गब्बर सिंह का शहर में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान गब्बर सिंह ने टनल के अंदर आई चुनौतियों को भी साझा किया। शहर में हर कोई गब्बर सिंह के धौर्य व साहस की प्रशंसा कर रहा था। पूरे दिन गब्बर सिंह के घर पर लोगों का तांता लगा रहा। जनप्रतिनिधियों ने भी गब्बर सिंह का स्वागत किया।
शुक्रवार को देहरादून से कौड़िया चैक पोस्ट पर पहुंचे गब्बर सिंह नेगी का भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने स्वागत किया। इसके उपरांत जैसे ही गब्बर सिंह बिसनपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचे मिलने के लिए लोगों का तांता लग गया। श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल लालपानी के बच्चों ने उनका स्वागत किया। अपना अनुभव साझा करते हुए गब्बर सिंह ने कहा कि शुरू में दो दिनों तक उन्होंने मूंगफली, केले खाकर व पानी पीकर गुजारा किया। जब मूंगफली खत्म हो गई तो उन्हें मूंगफली के छिलकों के सहारे जिंदा रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। सुरंग के भीतर वह अन्य श्रमिकों का भी हौसला बढ़ाते रहे। सुरंग के बाहर काम कर रही एक बेहतर टीम की मेहनत से ही 41 श्रमिकों की जान बची है। बिशनपुर की नारायणी कीर्तन मंडली व रतनपुर की लक्ष्मी नारायण कीर्तन मंडली की महिलाओं ने भी उनका स्वागत किया। पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के सदस्यों सहित राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग भी फूलमाला थामे गबर सिंह के स्वागत के इंतजार में देखे गए। घर के अंदर प्रवेश करने से पहले ही गेट पर गब्बर सिंह के आने की प्रतीक्षा कर रही उनकी माता 92 वर्षीय बचुली देवी ज्यादा ही भावुक हो गई। उन्होंने अपने पुत्र गब्बर सिंह को गले से लगा दिया। इस मौके पर पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, भाजपा जिलाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह रावत, पार्षद अनिल रावत, बीडीसी सदस्य सुनीता कोटनाला, बीना रावत, दीपक पांडे, आदि मौजूद रहे।

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