उत्तराखंड

देश को एक बड़े आंदोलन की जरूरत: टिकैत

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काशीपुर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने मुकदमे वापस नहीं होने पर एक बड़े आंदोलन की बात कही।
बुधवार को राकेश टिकैत बाजपुर स्थित भाकियू प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के आवास पर पहुंचे। राकेश टिकैत ने कहा किसान आंदोलन के दौरान सरकार से एमएसपी पर समझौते की बात हुई थी। इसमें सरकार ने सिर्फ किसान मोर्चा से कमेटी के नाम मांगे हैं। उन्होंने कहा इसी को लेकर गुरुवार को लखीमपुर खीरी में किसानों की बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें लखीमपुर खीरी में हुई घटना के साथ एमएसपी को लेकर बनने वाली रणनीति बनाई जाएगी। इसके बाद सरकार को पत्र के माध्यम से कमेटी के नाम भेजे जाएंगे। टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान सरकार से हुए समझौते के दौरान किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लेने का प्रस्ताव बना था, लेकिन अभी तक सरकार ने हरियाणा और पंजाब में ही किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लिया है। जबकि उत्तराखंड और यूपी में किसानों पर हुए मुकदमे अभी वापस नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा मुकदमे वापसी को लेकर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से वार्ता करेगा।किसान संगठनों को दबाने के लिए सरकार किसान संगठनों पर मुकदमे लगाने की साजिश रच रही है। जिसे किसी भी कीमत पर पूरा होने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है। इसके लिए सभी को मिलकर सामने आना होगा। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की प्रदेश सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। कहा सरकार ने चुनाव के चलते 20 गांव की भूमि पर लगी रोक को हटा दिया था, लेकिन चुनाव के बाद सरकार ने उन्हें 20 गांव की भूमि पर रोक लगाई है जिसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से वार्ता करेगा और मांग पूरी ना होने पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर ब्लक अध्यक्ष प्रताप संधू, विक्की रंधावा, सनी निज्जर, मनदीप नरवाल, सतवंत सिंह, गगन सरना, गुरदीप सिंह आदि किसान मौजूद रहे।

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