उत्तराखंड

निजी कंपनी के अनुसार मिलेगा पेयजल और सिंचाई के लिए पानी

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हल्द्वानी(आरएनएस)। गौला और कोसी बैराज का संचालन अब पांच साल के लिए निजी कंपनी को दे दिया गया है। दोनों बैराज के गेटों का नियंत्रण कंपनी के हाथ में होगा और उसके अनुसार ही पेयजल और सिंचाई का पानी दिया जाएगा। हालांकि इन पांच सालों में कंपनी सिंचाई विभाग के कार्मिकों को आधुनिक तकनीक के बारे में प्रशिक्षित भी करेगी। हल्द्वानी और रामनगर में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए कोसी और गौला नदियों में बैराज का बनाए गए हैं। लंबे समय से सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से इन का संचालन करता है, लेकिन अब विभाग ने इसका अटोमेशन (कंप्यूटरीत) कर दिया है। अब दोनों बैराज के गेटों का संचालन आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। विभागीय कार्मिक इसमें दक्ष नहीं होने से संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी गई है। इसके लिए कंपनी के साथ पांच साल का अनुबंध किया गया है। ऐसे में कंपनी के पास बैराज के गेटों का नियंत्रण होने से पेयजल और सिंचाई के लिए अब कंपनी ही पानी देगी। इस दौरान कंपनी विभागीय कर्मचारियों को तकनीक के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
नदियों के जलस्तर पर भी रहेगी नजर
बैराज के संचालन के लिए गेट के साथ ही नदी में सेंसर लगाए गए हैं। बैराज से लगभग तीन किमी पहले लगाए गए सेंसर नदी के जलस्तर का डाटा बनाए गए कंट्रोल रूम में दर्ज होगा। जिससे नदी में बनने वाली बाढ़ की स्थिति की जानकारी पहले ही मिल जाएगी। पहले से ही जानकारी मिलने से बचाव के लिए जरूरी इंतजाम करने में मदद मिलेगी।

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