उत्तराखंड

गैरसैंण की उपेक्षा का आरोप लगाए

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सरकार की गैरसैंण में सत्र कराने की कोई तैयारी नहींरू करन माहरा
देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि सरकार की गैरसैंण में सत्र कराने की कोई तैयारी ही नहीं है। जब गर्मियों में सत्र कराने लायक मौसम था, तब चार धाम यात्रा का बहाना बनाया गया। अब जब सरकार के पास कड़ाके की ठंड में गैरसैंण में सत्र कराने की कोई तैयारी ही नहीं है, तो सिर्फ शिगूफा छोड़ा जा रहा है। जबकि हकीकत यही है कि सत्र देहरादून में ही होगा। कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए करन माहरा ने कहा कि गैरसैंण में यदि इस समय सत्र होता है, तो वहां पुलिस कर्मियों समेत अन्य स्टाफ के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। जब बर्फ पड़ने जैसा मौसम हो गया है, तो इतनी ठंड में बिना तैयारियों के ये स्टाफ कैसे रहेगा। न तो वहां इनके लिए शेड हैं। न ही अन्य कोई और इंतजाम। ऐसे में सिर्फ वाहवाही लूटने के प्रयास नहीं होने चाहिएं। सरकार को वहां तैयारी करनी चाहिए। कहा कि सरकार ने गैरसैंण में कोई काम नहीं कराया। न ही कोई तैयारी की। गर्मियों में गैरसैंण में सत्र कराने का अनुकूल मौसम था। उस समय कहा गया कि चार धाम यात्रा है। जबकि चार धाम यात्रा तो हर साल होती है और होती रहेगी। ऐसे में क्या गैरसैंण में सत्र का आयोजन ही नहीं होगा। अब जो हालात हैं, उसके लिहाज से यही लग रहा है कि सत्र फिर देहरादून में ही होगा।
गैरसैंण बने स्थायी राजधानी
माहरा ने कहा कि अब गैरसैंण को स्थायी राजधानी बना दिया जाना चाहिए। क्योंकि पर्वतीय राज्य की अवधारणा से यही मेल खाता है। पर्वतीय क्षेत्रों की दुश्वारियां दूर करने को ही राज्य बना। इन्हीं दिक्कतों को दूर करने को आंदोलन कर राज्य लिया गया। पहले जैसे लखनऊ से शासन चलता था, वो अब देहरादून से चल रहा है। अभी भी अफसर पहाड़ जाना नहीं चाहते। नेता तक पहाड़ छोड़ मैदान की सीटें तलाश रहे हैं। आंदोलनकारियों से कोई राय मशविरा तक नहीं लिया जा रहा है।

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