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सड़कों पर गौवंश छोड़ने पर गौवंश सरंक्षण अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

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गौशाला/शरणालयों की स्थायी व्यवस्था करें शहरी विकास एवं पंचायतीराज विभाग
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : पं. राजेन्द्र अणथ्वाल अध्यक्ष उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग ने गौवंश के प्रति अपराध पर रोक लगाने हेतु पुलिस विभाग को परिक्षेत्र स्तर पर गठित गौवंश सरंक्षण स्कवायड का प्रत्येक जनपद/थानास्तर तक विस्तारीकरण करने के निर्देष दिए गये। साथ ही राज्य में सभी गौ एवं गौवंश का पंजीकरण सुनिश्चित करने हेतु पशुपालन को निर्देश दिए गये। उन्होंने सड़कों पर गौवंश छोड़ने पर संबंधित के विरूद्ध गौवंश सरंक्षण अधिनियम की धारा-7 के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही किए जाने हेतु सभी नगर निकायों/पंचायतों को निर्देश दिए। राज्य में माह मई-जून में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन के दृश्टिगत सड़कों पर विचरण कर रहे सभी निराश्रित गौ एवं गौवंश के प्रबंधन हेतु गौशाला/शरणालयों की स्थायी व्यवस्था करने हेतु शहरी विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग को निर्देश दिए।
शनिवार को पशुधन भवन मोथरोवाला में उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग की सामान्य कार्यकारिणी की बैठक आहुत की गयी। बैठक में सर्वप्रथम उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग में नवनियुक्त सदस्यों का अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत के साथ दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। बैठक में उत्तराखण्ड गोवंश सरंक्षण अधिनियम, 2007 को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु अधिनियम की कतिपय धाराओं में संशोधन एवं आयोग में कार्मिकों का ढांचा स्वीकृत किए जाने एवं आयोग की नियमावली प्रख्यापित किए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। आयोग को गौ एवं गौवंष के सरंक्षण हेतु कोई भी बजट प्राप्त न होने के कारण वित्तीय संसाधनों के अभाव में दूसरी संस्थाओं पर निर्भर न रहना पड़ता है, उसके लिए हर वित्तीय वर्ष में बजट प्रावधान कराने के निर्देष दिए गये। साथ ही आबकारी, भूमि क्रय एवं अन्य पर शुल्क/सेस लगाकर इससे प्राप्त होने वाली आय को गौ एवं गौवंश के सरंक्षण, संवर्धन एवं विकास के कार्यों पर व्यय किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर भी विचार किया गया। बैठक में वनों के समीप गौचर भूमि पर निराश्रित गौवंश हेतु आदर्श गौशाला एवं गौसदनों को आत्म निर्भर बनाये जाने हेतु गौवंश के गोबर से गैस, गमले, डण्डे (काउ डंग लॉग) दीये, अगरबत्ती आदि तथा गौमूत्र से फिनायल, गौमूत्र अर्क इत्यादि तैयार किए जाने हेतु संयत्रों/मशीनों की खरीद पर सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दिए जाने संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग ने पशुपालकों द्वारा गौवंश के अलाभकारी होने पर सड़कों पर छोड़ने की समस्या के निदान हेतु कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ गौवंश के जन्म से लेकर मृत्यु होने पर उसके निस्तारण की एक उपयुक्त व्यवस्था तैयार करने हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिए। बैठक में डॉ. बीबीआर पुरूषोत्तम सचिव, कृष्ण कुुमार संयुक्त सचिव, प्रमोद कुमार अपर पुलिस अधीक्षक, डा. प्रेम कुमार निदेशक, डा. अविनाश आनन्द अपर निदेशक, डॉ. राकेश नेगी मुख्य अधिशासी अधिकारी, डा0 उर्वशी पशुचिकित्सा अधिकारी, राजीव पाण्डेय सह निदेशक, मनोज कुमार तिवारी उप निदेशक, डा0 डीसी सेमवाल प्रभारी अधिकारी, गो सेवा आयोग एंव उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग के नव नियुक्त सदस्य रामेश्वर दास, महामण्डलेश्वर ईश्वरदास के प्रतिनिधि स्वामी पवन दास, शंकर दत्त पाण्डे, धर्मवीर सिंह गुसांई, शीतल प्रसाद, सतीश उपाध्याय, विजय बाजपेयी, राजेन्द्र सिंह नेगी, अनिल सिंह नेगी, गौरी मोलेखी, कामिनी आदि मौजूद थे।

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