छात्र होमस्टे को स्वरोजगार के रूप में अपनाएं

Spread the love

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में आयोजित देव भूमि उद्यमिता कार्यक्रम के सातवें दिन उद्यमिता विशेषज्ञ हिमांशु बर्थवाल ने छात्रों को होमस्टे को स्वरोजगार के रूप में अपनाने को प्रेरित किया। बताया कि राज्य सरकार उद्यमिता शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान कर रही है।
हिमांशु बर्थवाल ने होमस्टे के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने होमस्टे के कमरों को सजाने के लिए अपर्ण आर्ट के महत्व पर जोर दिया और सुझाव दिया कि होमस्टे को गूगल मैप पर रजिस्ट्रर करना चाहिए, ताकि इसे वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने कहा कि होमस्टे मालिक के घर से जुड़ा होना चाहिए। कमरा अच्छा और पारंपरिक रूप से सजाया गया हो, होमस्टे में अधिकतम 6 कमरे होने चाहिए। एक समय में 12 लोगों तक की क्षमता होनी चाहिए। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. एलआर राजवंशी ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में नए अवसरों और संभावनाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित किया गया है। हमारा उद्देश्य छात्रों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करना और उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति और पर्यटन क्षेत्र में योगदान देने के लिए तैयार करना है। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती रश्मि, डॉ. डीएस चौहान, वरुण कुमार, डॉ. दुर्गा रजक, डॉ. प्रीति रावत, वीके सैनी, डॉ. शुऐब अजीम अंसारी, डॉ. शहजाद, विमल रावत, रूप सिंह आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *