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चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस ने पार्टी में नई जान फूंकने के लिए पहला कदम बढ़ाया, हिमाचल और गुजरात में अग्नि परीक्षा

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नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पार्टी अपने पुनरूत्थान के नये पथ पर चल चुकी है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए हाल में गठित कार्य बल के अपनी रणनीति पर काम शुरू कर देने के साथ आगामी महीनों में बदलाव नजर आने लगेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव माकन ने कहा कि पांच वर्षों से अधिक समय से पदों पर रहे पार्टी पदाधिकारियों को क्रमिक रूप से हटाया जाएगा तथा श्एक व्यक्ति, एक पदश् का फार्मूला, जैसा कि उदयपुर में सहमति बनी थी, लागू किया जाएगा।श्
रणदीप सिंह सुरजेवाला को संचार प्रभारी पद से हटाकर जयराम रमेश को नियुक्त किया जाना एक से अधिक पदों से नेताओं को कार्य मुक्त करने का पहला बड़ा संकेत है। सुरजेवाला सात साल तक इस पद रहे और 2020 में एआईसीसी महासचिव, कर्नाटक, नियुक्त किये जाने के बाद भी मीडिया प्रमुख के पद पर बने रहें।
माकन ने कहा, श्हमने उदयपुर घोषणापत्र द्वारा निर्धारित पथ पर चलना शुरू कर दिया है। चिंतन शिविर के नतीजे पार्टी और इसके कामकाज में शीघ्र देखने को मिलेंगे।श् संचार विभाग का विस्तार किये जाने के विषय पर पार्टी के अंदरूनी लोगों ने कहा कि सभी प्रदेश इकाइयों को अब इसकी शाखाओं के तहत लाया गया है ताकि बेहतर समन्वय और एक समान संदेश का प्रसार सुनिश्चित हो सके। सूत्रों ने बताया कि संचार शाखा शोध एवं श्डेटा एनालिटिक्सश् पर विशेष इकाइयां रखने के लिए भी गठित की गई है। पार्टी के नेता इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि युवाओं का गुस्सा सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के प्रमुख नीरज कुंदन ने कहा, श्पहले किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। अब युवा आंदोलन कर रहे हैं।श् उन्होंने श्पीटीआई-भाषाश् से कहा, श्कांग्रेस ने आज जंतर-मंतर पर अपने सत्याग्रह के जरिए उन युवाओं की चिंताओं को आवाज देने का संकल्प लिया, जो अनश्चित भविष्य को लेकर डरे हुए हैं।श् उन्होंने कहा कि लोगों के बीच बढ़ती बेचौनी को स्वर देने की कांग्रेस की क्षमता इस साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उसमें नई ऊर्जा का संचार होने की गति को बढ़ाएगी।
कांग्रेस में नई ऊर्जा आने का संकेत उस समय भी देखने को मिला जब नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए राहुल गांधी को समन जारी किया। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, श्सभी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आएं, दिल्ली पुलिस की कठोर कार्रवाई का बहादुरी से सामना किया और अपने नेता के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की।श् हालांकि, चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस की डगर अब भी कठिन है, पार्टी हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भाजपा को चुनौती देने के मुश्किल कार्य का सामना कर रही है।
इन चुनावों में जीत हासिल करना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह केवल दो राज्यों (राजस्थान और छत्तीसगढ़) में अपने बूते सत्ता में है। कांगेस के समक्ष एक अन्य चुनौती विपक्षी खेमे का केंद्र बिंदु बनने की भी है क्योंकि शायद ही किसी भी दल ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की पूछताछ का सामना कर रहे राहुल गांधी के समर्थन में सार्वजनिक रूप से बयान दिया हो। वहीं, कांग्रेस की योजनाओं के प्रति सशंकित पार्टी के एक अंदरूनी नेता ने कहा, श्उदयपुर में जो कुछ हुआ वह उदयपुर में ही रह गया। पार्टी में नयी जान फूंकने का लंबित मुद्दा अब भी लंबित है।

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