देश-विदेश

अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ समझौता संभव

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

चंडीगढ़ (एजेंसी) । पंजाब के पूर्व सीएम कैप्अन अमरिंदर सिंह नए सियासी समीकरण की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक माह बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भविष्य को लेकर अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए है। वह 2022 के पंजाब विधानसभा के चुनाव को लेकर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे हैं । इसके साथ ही वह भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन भी कर सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का अब भाजपा को लेकर कहना है कि वह (भाजपा) सांप्रदायिक व मुसलमान विरोधी पार्टी नहीं है। कैप्टन का यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि चर्चा रही है कि भाजपा कैप्टन के माध्यम से किसान आंदोलन का हल निकालना चाहती है। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कांग्रेस पर सीधे आरोप लगाए थे कि उन्हें खासा बेइज्जत किया गया। इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से यही यह स्पष्ट संकेत मिलने लगे थे कि कैप्टन भाजपा से सियासी गठजोड़ कर सकते हैंं। यह भी कहा गया कि भाजपा कैप्टन के माध्यम से ही किसान आंदोलन का हल निकालेगी। क्योंकि, धरने पर बैठे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कैप्टन के अच्टे संबंध रहे है।वहीं, किसान संगठनों को दिल्ली में धरने पर बैठाने में भी बतौर मुख्यमंत्री कैप्टन का बड़ा सहयोग रहा है। हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से मिलने के बाद स्पष्ट कर दिया था कि वह अपनी अगली राजनीतिक पारी जरूर खेलेंगे लेकिन भाजपा में जाकर नहीं। कैप्टन ने अपनी बात को भी सही साबित किया है। कैप्टन अब अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के साथ समझौता कर सकते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस पिछले कई दिनों से इस बात को लेकर डरी हुई है कि कैप्टन अपने साथ दो दर्जन के करीब विधायकों को जोड़ सकते हैं। इसी कारण कांग्रेस ने राजस्थान के राजस्व मंत्री व वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी को पिछले एक माह से ही पंजाब में बैठा रखा है। चौधरी नियमित रूप से पार्टी के विधायकों से लेकर अन्य नेताओं से संपर्क साधे हुए हैं।दिल्ली में एक अंग्रेजी वेबसाइट से की गई बातचीत के दौरान कैप्टन ने खुलासा किया कि वह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएंगे, जो भाजपा, अकालियों के अलग-अलग दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की संभावना तलाशेगी। कैप्टन ने कहा कि षि कानून से पहले पंजाब में केंद्र सरकार के खिलाफ कोई समस्या नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कृषि कानूनों की समस्या का समाधान खोजने की कोशश कर रहे है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि विधान सभा चुनाव से पूर्व तीन केंद्रीय कृषि कानून का समाधान निकाल लिया जाएगा। वहीं, कैप्टन ने कहा है कि भाजपा सांप्रदायिक व मुस्लिम विरोधी पार्टी नहीं है। पंजाब में कभी भी हिंदू, सिख व मुस्लिम के बीच कोई समस्या नहीं रही।
कैप्टन ने कहा कि आइएसआइ और खालिस्तानी स्लीपर सेल के जरिए पंजाब को श्हथियारश् बनाने की कोशिश में लगा है। इसीलिए सीमा पार से हथियार, गोला बारूद और ड्रग्स ड्रोन के जरिये भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को तीन वर्षों से उठा रहे हैं। उन्होंने कहा,‘मेरा राज्य 600 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ एक सीमावर्ती राज्य है। कोई कुछ ऐसी योजना बना रहा है जिसके बारे में हम नहीं जानते हैं और इससे मुझे चिंता होती है। मैं इन मुद्दों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिला था। उन्होंने कहा, यह उन प्रमुख कारणों में से एक है जो वह चाहते हैं कि किसानों का आंदोलन समाप्त हो।श्

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!