रुद्रप्रयाग : बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में मुख्य कार्याधिकारी द्वारा संस्कृत विद्यालयों के अध्यापकों का पहले स्थानांतरण करना और फिर आदेश को निरस्त करने को लेकर सोशल मीडिया पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि मंदिर समिति ने विज्ञप्ति जारी कर अपने निर्णय को सही बताते हुए कहा कि जो भी निर्णय लिए गए हैं वे ठीक और सही हैं। बीते दिनों बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल द्वारा गृह परीक्षाओं के दौरान मध्य सत्र में बीकेटीसी द्वारा संचालित संस्कृत विद्यालयों के अध्यापकों के स्थानांतरण के आदेश जारी किए गए थे, जिसके बाद सोशल मीडिया पर सीओ पर अपने कार्यक्षेत्र से बाहर निर्णय लेने को लेकर विवाद पैदा हो गया था। इस बीच सीओ ने स्थानांतरण आदेश को स्थगित कर दिया। वहीं श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संस्कृत विद्यालयों में दशकों से एक स्थान पर बने हुए अध्यापकों एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण को मंदिर समिति प्रशासन ने तर्क संगत बताया है। कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने तथा शिक्षा की गुणवत्ता हेतु यह जरूरी था। संबंधित प्रधानाचार्यों की संस्तुति पर सक्षम अधिकारी द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त करने हेतु तबादले किये गये है कोई तबादला नियम विरुद्ध नहीं है, न ही स्थांतरित कर्मचारियों एवं अध्यापकों की ओर से इसमें आपत्ति की गयी है। हालांकि वर्तमान में पूर्व मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा परिषदीय परीक्षाओं के संपन्न होने तक उन्हें स्थगित रखा गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ अध्यक्ष विजेंद्र बिष्ट तथा सभी पदाधिकारियों ने कहा कि मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहे है संघ कर्मचारियों को एसीपी का लाभ दिये जाने के निर्णय का स्वागत किया तथा आभार एवं धन्यवाद पत्र मंदिर समिति अधिकारियों को सौंपा है। (एजेंसी)